अबुआ सरकार झारखंडी जनमत अनुरूप जन मुद्दों पर कार्रवाई शुरू करे : अजय एक्का

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जागता झारखंड संवाददाता

ठेठईटांगर :- पश्चिमी जिप सदस्य सह काथलिक युवा संघ सिमडेगा धर्मप्रान्त के पूर्व अध्यक्ष अजय एक्का ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि-झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई में बने इंडिया गठबंधन की अबुआ सरकार को बहुत बहुत बधाई। झारखंडी जनता ने हेमंत सोरेन और इंडिया गठबंधन पर भरोसा बरकरार रखते हुए फिर से झारखंड में सरकार बनाने का मौका दिया है। अब पूर्ण बहुमत से बनी इंडिया गठबंधन सरकार बिना हिचकिचाहट, जनमत अनुरूप अपने वादों और राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर काम शुरू करे। आज झारखंड के काई ज्वलंत मुद्दों और‌ इंडिया गठबंधन के चुनावी वादों को याद दिलाते हुए वर्तमान सरकार से आग्रह करते हैं कि इन महत्वपूर्ण वादों और ज्वलंत जनमुद्दों पर सरकार 6 महिनें के अंदर ही कार्यवाही शुरू करे। सरकार की प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए राज्य की लाचार सार्वजनिक शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करना। इसके लिए शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के सभी रिक्त पदों को 6 महिनें के अंदर भरा जाए। व्यापक अभियान चलाकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को स्थापित किया जाए। पिछले कार्यकाल में हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को विधानसभा से पारित कर केंद्र को संविधान की 9वीं अनुसूचित में सामिल करने के लिए भेजा था लेकिन उन पांच साल रघुवर दास सरकार द्वारा बनाई गई झारखंड विरोधी स्थानीयता व नियोजन नीति ही लागू रही। वर्तमान इंडिया गठबंधन सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए सबसे पहले इस नीति को रद्द करें और 1932 खतियान व आखिरी सेटलमेंट आधारित नीति (भूमिहीनों के लिए विशेष व्यवस्था) को 9वीं अनुसूचि में डालने का इंतजार किए बिना लागु किया जाए। इंडिया गठबंधन की एक प्रमुख घोषणा है भूमिहीन, दलित व विस्थापितों के जाति/आवासीय प्रमाणपत्र को बनाने की प्रक्रिया को सरल कर 6 महिनें में प्रमाण पत्र बांटना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनावी अभियान में सही नारा दिया था कि झारखंड में NRC नहीं, बल्कि CNT-SPT कानून और पेसा कानून चलेगा। सरकार आदिवासी स्वायत्तता को सुदृढ़ करने के लिए समाज के सुझावों के अनुरूप पेसा नियमावली अधिसूचित करें।CNT-SPT कानून का उलंघन कर हुए भूमि लूट के विरुद्ध न्यायिक जांच आयोग गठन करें और CNT-SPT कानून का उलंघन कर हड़पी गई जमीन वापस किए जाएं साथ ही ऑनलाइन भूमि दस्तावेज कार्यक्रम में जो भूमि घोटाला हुआ है, उसे दुरुस्त करने के लिए चुनावी घोषणा के अनुसार समयबद्ध अभियान चलाया जाए और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। साथ ही इंडिया गठबंधन दलों ने घोषणा की थी कि सरकार बनते ही भूमि अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन 2017 व लैंड बैंक नीति को रद्द किया जाएगा। आशा है सरकार गठन के बाद यह पहला निर्णय होगा। साथ ही सरकार बनने के 3 महिनें के अंदर सभी लंबित निजी व सामुदायिक वन‌पट्टे दावों को कटौती किए बिना बांटने के वादे को पूरा किया जाएगा। विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का गठन हो एवं भूमिहीनों दलितों और गरीब किसानों को जमीन देने की प्रक्रिया शुरू हो। इसके अलावा राज्य के अनेक जनमुद्दे हैं जिनपर गंभीरता से कार्रवाई की जरुरत है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जन संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ जमीनी मुद्दों और आवश्यकताओं पर चर्चा के लिए नियमित संवाद की प्रक्रिया स्थापित करें ताकि अगले पांच सालों में सभी मिलकर अबुआ राज की ओर बढ़ सकें।

Touphik Alam
Author: Touphik Alam

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