मुजफ्फर हुसैन, जागता झारखण्ड, ब्यूरो रांची : ईद-उल-फितर का त्योहार खुशियों, भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक है। इसी उत्साह के बीच रांची के मदरसा मजहारुल उलूम, इरबा में ईद की नमाज के बाद एक खास नजारा देखने को मिला। नमाज खत्म होते ही एक मासूम बच्चा सभी का ध्यान आकर्षित करने लगा। उसकी मासूमियत और भोलापन देख स्थानीय लोगों और पत्रकार, दोनों ही उसे अपने कैमरों में कैद करने के लिए उत्सुक हो उठे। ईद के इस खास मौके पर लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे और अपनी भावनाओं को तस्वीरों के जरिए संजोने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान मासूम बच्चे की तस्वीर लेने के लिए स्थानीय लोगों और पत्रकारों में होड़ सी मच गई। हर कोई उसकी मासूम हंसी और निश्छल भावनाओं को अपने कैमरे में कैद करने के लिए उत्सुक नजर आए। यह दृश्य न केवल ईद की खुशियों को दर्शा रहा था, बल्कि इस बात को भी उजागर कर रहा था कि कैसे त्योहारों के पलों को यादगार बनाने के लिए लोग उत्साहित रहते हैं। इस अवसर पर मदरसा मजहारुल उलूम के प्रमुख ने कहा, ईद प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश देती है। हमें इसे शांति और सौहार्द के साथ मनाना चाहिए, ताकि समाज में आपसी प्रेम और सद्भावना बनी रहे। इस पूरी घटना ने साबित कर दिया कि ईद सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि खुशियों को साझा करना और उन्हें संजोना कितना महत्वपूर्ण है।
