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एक दिन मजदूरों के आक्रोश की आग दुनियां को कुंदन बना देंगी-संतोष झा,

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जागता झारखंड ब्यूरो चीफ गुमला : प्रयास मंच के अध्यक्ष संतोष झा ने दुनियां के मजदूरों को मजदूर दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मजदूर दिवस शोषण और अत्याचार के खिलाफ उठी आवाज़ की याद है मजदूर दिवस, 1889 में पेरिस में हेमार्केट को श्रद्धांजलि देने और मजदूरों को संगठित करने के लिए 1 मई को पहला प्रयास किया गया था भारत में 1 मई1923 को केरल में सर्वप्रथम वामपंथियों के द्वारा पहली बार मजदूरों को संगठित कर मजदूर दिवस मनाया गया और तभी से मजदूरों का निशान लाल झंडा बन गया सच कहा जाए तो मजदूरों के द्वारा किए गए परिश्रम ही किसी देश को उन्नत बनाने का प्रमुख आधार है आज दुनिया जिस ऊंचाई पर पहुंची है वह मजदूरों के बिना संभव नहीं परंतु दुर्भाग्य बस पूंजीपतियों के द्वारा लगाई गई पूंजी को सर्वाधिक महत्व सरकार और वर्तमान समाज इतना देती है कि श्रमिकों की मेहनत और उनके बहाए गए पसीने का कोई मोल नहीं रह जाता विकास का मूल स्तंभ मजदूर आज दर-दर की ठोकरे खा रहा है और समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े होकर सरकार के द्वारा मिलने वाले अनुदान के लिए तरस रहा है महाभारत काल में कर्ण ने जो परिवर्तन की आग जलाई वह जनमानस के सीने में आज भी धधक तो रहा है परंतु सातिरों के षड्यंत्र को जला नहीं पा रहा है स्थिति यथावत है सम्मान और अधिकार के क्रांति की आग कोई जोर से लगा नहीं पा रहा है उम्मीद है एक दिन क्रांति

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Author: Jagta Jharkhand

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