करमदहा मेला: धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संगम, उद्घाटन करेंगे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी

हर साल की तरह इस बार भी करमदहा मेला कि तैयारी शुरू।

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जागता झारखंड।संवाददाता शहादत अली नारायणपुर (जामताड़ा ) हर साल मकर संक्रांति के मौके पर जामताड़ा जिले का ऐतिहासिक करमदहा मेला आयोजित किया जाता है, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का अद्वितीय आयोजन है। यह मेला 400 साल पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए आज भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का दिल जीतता है। घांटी स्टेट के राजाओं द्वारा शुरू किया गया यह मेला आज भी अपनी पौराणिक मान्यताओं और आस्था को संरक्षित रखे हुए है। मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी 2025 से शुरू होने वाला यह मेला 30 जनवरी तक चलेगा, और इसका उद्घाटन जामताड़ा विधायक एवं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी करेंगे। मेला कमेटी के अध्यक्ष इलियास अंसारी ने इस आयोजन के बारे में जानकारी दी है।
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक महत्व की मिसाल
करमदहा मेला का आयोजन बाबा दुखिया मन्दिर के प्रांगण में होता है, जो क्षेत्र की धार्मिक आस्था का केंद्र है। मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालु इस मेले में भाग लेकर पवित्र स्नान करते हैं और बाबा दुखिया के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 17वीं शताब्दी से आयोजित हो रहा यह मेला आज भी अपनी पौराणिक परंपराओं का पालन करता है। प्राचीन समय में यह मेला राजाओं के मनोरंजन और शिकार क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध था, लेकिन अब यह धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख स्थल बन चुका है।
मेला की तैयारी और बढ़ती मांग
हर साल की तरह इस बार भी मेला में बड़ी संख्या में दुकानदार हिस्सा लेंगे, हालांकि दुकानों की बढ़ती संख्या के कारण मेला स्थल में जगह की कमी हो गई है। कुछ दुकानदार तो हटिया प्लॉट की जर्जर अवस्था के बावजूद अपने स्टॉल लगाने के लिए मजबूर हैं, जो किसी भी समय जोखिमपूर्ण साबित हो सकता है। फिर भी, इस मेले के आयोजन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है और व्यापारियों को अच्छा मुनाफा होता है।
मनोरंजन और खरीदारी का आनंद
इस बार के मेले में मनोरंजन के कई नए विकल्प होंगे, जिनमें मौत का कुआं, झूला, ब्रेक डांस, सर्कस, नोका झूला, अप्पू घर, ड्रैगन राइड, मीना बाजार, लोहे और बर्तन की दुकानों के अलावा कई आकर्षक दुकानें भी शामिल होंगी। इस बार, मेला स्थल के आसपास कई होटल और खाने-पीने के विकल्प भी उपलब्ध होंगे, जो सैलानियों के लिए आरामदायक अनुभव प्रदान करेंगे। गोविंदपुर साहेबगंज स्टेट हाईवे के पास स्थित होने के कारण मेला स्थल हर साल बढ़ती संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।
स्थानीय व्यवसाय और आय का स्रोत
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पहले यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ था, जहां राजाओं ने शिकार के लिए करमदहा का चयन किया था। अब यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है। हर साल सैकड़ों स्थायी दुकानदार मेला क्षेत्र में अपने स्टॉल लगाते हैं, जिससे व्यापारियों को बढ़िया मुनाफा होता है।
उद्घाटन का इंतजार
अब मकर संक्रांति का इंतजार है, जब जामताड़ा विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी इस ऐतिहासिक मेले का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद, मेला का आयोजन 15 दिनों तक चलता रहेगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु और सैलानी मेला का आनंद लेने के लिए यहां आएंगे। करमदहा मेला एक समृद्ध परंपरा का प्रतीक बन चुका है, जो जिले की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है। इस बार भी इस मेले के आयोजन से स्थानीय जनजीवन में उत्साह और उमंग का माहौल रहेगा, जो पूरी तरह से इस ऐतिहासिक आयोजन के महत्व को दर्शाता है।

Touphik Alam
Author: Touphik Alam

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool