त्याग, बलिदान और भाईचारे का पर्व —विधायक राजेश कच्छप ने मुहर्रम पर दिया अमन का संदेश ।
मुजफ्फर हुसैन, जागता झारखण्ड, ब्यूरो राँची : सत्य, त्याग और बलिदान का प्रतीक पवित्र पर्व मुहर्रम रविवार को सिकिदिरी क्षेत्र के कुटे गाँव में परंपरागत और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आपसी भाईचारे के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मरकजी मुहर्रम कमेटी ओरमांझी पूर्वी क्षेत्र और मरकजी मुहर्रम कमेटी कुटे की ओर से कुटे फुटबॉल मैदान में मेला सह ताजिया मिलन समारोह और अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मेले में क्षेत्र के 10 गाँवों से मुहर्रम जुलूस अपने-अपने खलीफाओं के नेतृत्व में रंग-बिरंगी ताजियाओं और इस्लामी अलम के साथ पहुँचे। अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता में युवाओं और बच्चों ने तलवार, भाला और लाठी से हैरतअंगेज़ करतबों का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया। बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को आयोजन समिति की ओर से तलवार भेंट कर सम्मानित किया गया। मेले के मुख्य अतिथि विधायक दल के उप नेता सह खिजरी विधानसभा विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि “मुहर्रम असत्य पर सत्य की जीत, त्याग और बलिदान का प्रतीक है। यह पर्व हमें इंसानियत और अमन का पैग़ाम देता है, जिसे हमें अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।” विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी सह पूर्व उप प्रमुख मुंतज़िर अहमद रज़ा ने कहा कि कर्बला की जमीन पर हजरत इमाम हुसैन (रजि) और उनके जांबाज साथियों ने ज़ुल्म और अन्याय के सामने सिर झुकाने के बजाय अल्लाह के बताए हक और इंसाफ के रास्ते पर चलते हुए अपनी जानों की कुर्बानी दी। यही वजह है कि यौमे आशूरा सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि यह हमें यह सीख देता है कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, सच्चाई और हक के रास्ते पर डटे रहना चाहिए।” इससे पूर्व आयोजन समिति ने अतिथियों का पारंपरिक स्वागत पगड़ी पहनाकर और तलवार भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी सह पूर्व उप प्रमुख मुंतज़िर अहमद रज़ा, ओरमांझी के पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी, सिकिदिरी थाना प्रभारी दीपक कुमार सिन्हा, एसआई बरुण कुमार हजाम, मुखिया नाजरीन परवीन, वार्ड सदस्य नाजिया परवीन एवं शेख अनवर मौजूद थे। समारोह का संचालन पंचायत समिति सदस्य अमीर हमज़ा अंसारी एवं मुस्लिम फैजी ने किया। मेले के सफल आयोजन में वरिष्ठ समाजसेवी सह पूर्व उप प्रमुख मुंतज़िर अहमद रज़ा, पंचायत समिति सदस्य अमीर हमज़ा अंसारी, खालिक ख़ान, यासिन ख़ान, नूरहसन अंसारी, जमशेद क़ाज़मी, वकील अंसारी, नवाज शरीफ, नाज़िर ख़ान, इसराफ़िल अंसारी, आमिर रज़ा, जलाल ख़ान, शेख़ साजुद्दीन, रेहान ख़ान, सलाउद्दीन ख़ान, पप्पू ख़ान, ग़ुलाम शामदानी, जफ़र इमाम, कल्लू ख़ान, हफ़ीज़ अंसारी, रिज़वान ख़ान, रहमत अंसारी और रिज़ाउल अंसारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
