गुमला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जागता झारखंड ब्यूरो चीफ गुमला

*विशुनपुर क्षेत्र में व्यापक जांच: 30 एकड़ तक फैले अवैध खनन का हुआ जांच*

*उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर जांच दल ने की कार्रवाई, एफआईआर दर्ज*

गुमला: जिला प्रशासन द्वारा उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार दिनांक 27 नवंबर 2024 को विशुनपुर अंचल के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध खनन के खिलाफ एक व्यापक छापेमारी अभियान चलाया गया। इस अभियान का संचालन गुमला जिला टास्क फोर्स और लोहरदगा एवं गुमला फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस कार्रवाई में वन प्रमंडल पदाधिकारी गुमला, श्री अहमद बेलाल अनवर की अध्यक्षता में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चैनपुर, अनुमंडल पदाधिकारी गुमला, जिला खनन पदाधिकारी गुमला, और अंचल अधिकारी घाघरा सहित कई अधिकारी शामिल थे।

सुबह 7:00 बजे से शुरू हुए इस औचक छापेमारी अभियान के दौरान कई स्थानों पर अवैध खनन गतिविधियां उजागर हुईं।

*महत्वपूर्ण निष्कर्ष*

*विशुनपुर क्षेत्र*:
जांच के दौरान, यह पाया गया कि बिशुनपुर एवं अम्तिपानी क्षेत्र में पट्टा क्षेत्र से बाहर अवैध खनन गतिविधियां की जा रही थीं। ऐसे स्थानों पर लगभग 20 एकड़ जमीन पर खनिज उत्खनन से जुड़ी अनियमितताओं के प्रमाण मिले, जो खान एवं खनिज विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1957 का उल्लंघन है।


*बहरगड़ा और रामझरिया क्षेत्र:*
यहां पर भी वन भूमि सहित अन्य क्षेत्रों में अवैध उत्खनन के स्पष्ट प्रमाण पाए गए। बाउंड्री पिलर्स गायब एवं क्षतिग्रस्त पाए गए, और कुछ स्थानों पर ब्लास्टिंग के संकेत भी मिले।

*पिरहापाट मोड़*:
इस क्षेत्र में लगभग 30 एकड़ भूमि पर अवैध बॉक्साइट खनन की गतिविधियां पाई गईं। ब्लास्टिंग के प्रमाण भी दर्ज किए गए।

*प्रशासनिक कार्रवाई*:
उपायुक्त द्वारा गठित त्रिस्तरीय जांच समिति की अनुशंसा पर निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:

▪️खनन क्षेत्रों में अनियमितताओं के आधार पर संबंधित खनन पट्टों की समीक्षा और रद्दीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई।

▪️अवैध खनन में संभावित संलिप्तता की जांच के लिए विस्तृत पड़ताल का आदेश दिया गया।

▪️खान एवं खनिज विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1957 की धारा 21(6) के तहत मामले दर्ज किए गए।

*सरकारी राजस्व और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता*:
इस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इन अवैध गतिविधियों से सरकारी राजस्व और राष्ट्रीय संपत्ति को बड़ा नुकसान हो रहा था। बिना वैध अनुमति के खनिजों का उत्खनन और उनका परिवहन गंभीर अपराध है।

*सुरक्षा प्रबंध:*

इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, छापेमारी के दौरान 40 पुलिसकर्मियों और 6 अमीनों की तैनाती की गई।

गुमला जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की रक्षा हो, और सरकारी राजस्व की चोरी पर अंकुश लगाया जाए। अवैध खनन के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी।
Touphik Alam
Author: Touphik Alam

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool