बिशेष संवाददाता जागता झारखंड राजकुमार भगत
पाकुड़। देश के प्रसिद्ध इतिहासकार स्व0 काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती जयसवाल समाज के द्वारा जयसवाल समाज के अध्यक्ष प्रेम भगत के नेतृत्व में मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित समाज के दर्जनों सदस्यों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की। उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष प्रेम भगत ने कहा कि इतिहासकार काशी प्रसाद जायसवाल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में 27 नवंबर 1881 में हुआ था। वे पढ़ने में काफी मेधावी थे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काफी नाम कमाया। वे कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रदीप जायसवाल ने बताया कि शिक्षा जरूरी है। शिक्षा से ही समाज में बदलाव आता है। समाज के बच्चों को इतिहासकार के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है कठिन परिस्थितियों के बीच भी वे शिक्षा ग्रहण कर समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि जब देश गुलाम था और इतिहास को तोड़ो मरोड़ कर पेश किया जा रहा था। उस समय काशी प्रसाद जायसवाल ने कई ऐतिहासिक तथ्यों को संजोया था। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी उन्हें काफी स्नेह देते थे। देश आजाद होने के बाद उन्हें भारत रत्न देने की मांग की गई लेकिन लेकिन उन्हें यह सम्मान नहीं मिला। समाज की ओर से इतिहासकार स्वर्गीय शाह को भारत सरकार से उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग करते हैं। 25 दिसंबर को आयोजित होने वाले पारिवारिक सम्मेलन की चर्चा किया गया।
मौके पर समाज के सचिव राजेश जायसवाल, आनंद चौधरी, विजय जायसवाल, बबलू जायसवाल, जितेंद्र जायसवाल, जितेश चौधरी, सर्वेश जयसवाल, हरिशंकर जायसवाल, शैलेंद्र जायसवाल,किशोर जायसवाल, पंकज जयसवाल, राम जी जायसवाल, समेत बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।