आईए जिन्दगी का कुछ हिसाब करते हैं,
पल-पल बीत गया उसकी बात करते हैं।
कोई नया मिल गया तो मुलाकात करते हैं,
जो कोई बिछड़ गया उसको याद करते हैं!
ए जिन्दगी तुझसे हम कोई बात करते हैं।
आईए जिन्दगी का कुछ हिसाब करते हैं,
पल-पल बीत गया उसकी बात करते हैं।
कोई हमसे रूठ गया उसकी बात करते हैं,
क्यों? कोई बिछड़ गया शिकायत करते हैं!
ईश्वर उससे मिला दे हम फ़रियाद करते हैं।
आईए जिन्दगी का कुछ हिसाब करते हैं,
पल-पल बीत गया उसकी बात करते हैं।
धैर्य, हौसला, साहस और हिम्मत की हमने,
न जाने कैसे संघर्षों से जिंदगी जी हैं हमने!
दुनिया की नफरतों से भी प्रेरणा ली हमने।
आईए जिन्दगी का कुछ हिसाब करते हैं,
पल-पल बीत गया उसकी बात करते हैं।
संजय एम. तराणेकर
(कवि, सूत्रधार व समीक्षक)
इंदौर (मध्यप्रदेश)
98260-25986