जीत का यह सिलसिला विपक्ष के हौसलों को पस्त करने वाला : पंकज सीबी मिश्रा

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जागता झारखण्ड ब्यूरो यूपी




   लखनऊ : पहले हरियाणा में शानदार प्रदर्शन कर विपक्ष और मिडिया को हैरत में डाला फिर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में महाविकास आघाड़ी का सूपड़ा साफ कर यह बता दिया कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का तुक्का था जो अब महज वोट बैंक की राजनीती बनकर रह गई। लोकसभा मछलीशहर के भाजपा मंडल संयोजक शिक्षक प्रकोष्ठ और उत्तर प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषक पंकज सीबी मिश्रा नें यूपी उपचुनावों परिणाम के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महायुति ने विपक्ष के धूर्तबाजी का करारा जवाब दिया और सबका सुपड़ा साफ कर दिया है। उन्होंने बताया कि वहां कांग्रेस का 15, उद्धव शिवसेना 20 और शरद पवार एनसीपी का 10, कुल सिर्फ 45 सीटों पर सिमटना इस बात का प्रमाण है की ये तीनों अब डूब चूके हैं। और इनके सिर्फ कोरे आश्वासन, झूठे नरेटीव और सत्ता पक्ष पर उलजलूल और मिथ्या आरोप जनता को पसंद नहीं आए और जनता ने विश्वसनीयता और प्रेक्टीकली होने वाले कार्य पर अधिक भरोसा जताया है। महायुति की इस एतिहासिक जीत से जनता ने यही संदेश दिया है की जो दल प्रदेश का उत्तरोत्तर विकास करें और साथ ही जनता के मर्म को समझकर उसको भी साथ दे और साथ लेकर चले, वो उसी के साथ जाएगी। मैं व्यक्तिगत रुप से महाराष्ट्र की इस जीत को इस रुप में भी देखता हूं की भाजपा एक ऐसा दल है जो विकास और सिर्फ विकास में विश्वास रखता है। और दूसरा वो आम जनता के मर्म को भी बखूबी समझता है। यह बात भाजपा के लिए सिर्फ महाराष्ट्र पर ही लागू नहीं होती है। भाजपा ने जब-जब जहां जीत दर्ज की है, अपनी विश्वसनीयता के आधार पर ही उसे वह मिली है। यह आने वाले समय में भी देश के अन्य प्रांतों में होना चाहिए, जिससे हर प्रदेश खुशहाल हो और एक नए विकसित भारत को हम देख सके। खुद अजीत  पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह माना है की हमको 175+ सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, लेकिन जनता ने प्रचंड समर्थन 288 सीटों में से 236 पर जीत महायुति को दिया है। लगभग 90% जीत। देवेन्द्र फडनविस ने भी इसे खुले रुप से अप्रत्याशित जीत माना है। इस पर ज्यादा भूमिका ना बांधते हुए यह मान लेना चाहिए की जनता ने भाजपा में और उसके दोनों सहयोगियों में अटूट विश्वास जताया है। भाजपा में इस अटूट विश्वास का ही परिणाम है जो भाजपा महाराष्ट्र में कुल 148 पर लडी थी जिसमें उसे 132 सीटों पर विजय मिली हैं। भाजपा के लिए यह लगभग सौ प्रतिशत जैसी जीत है‌। एक तरह से महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को सिर आंखों पर बैठाया है। शिंदे शिवसेना को 57 और अजीत पवार एनसीपी को 41 सीटें भी इस बात का प्रमाण है की जनता ने यह बता दिया है की उसको असली-नकली शिवसेना, एनसीपी के पचड़े में पड़ने के बजाय इस बात में विश्वास है की जो भाजपा के साथ रहेंगे, वो अंततः महाराष्ट्र की जनता का भला करेंगे। और महाराष्ट्र की जनता एकनाथ शिंदे के पिछले ढाई साल के मुख्यमंत्रित्व काल में यह सब देख भी चूकी हैं, बस इसीलिए महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है।
      यह मानने में कोई दो राय नहीं कि यूपी में भी लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें उपचुनाव में दमदार प्रदर्शन करके यह दिखा दिया कि जनता का विश्वास उनमें प्रबल हैं और आने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में हिंदु एकजुटता ही उनका मेन टारगेट होगा। होना भी चाहिए क्यूंकि 9 में से 7 सीटों पर एकतरफा जीत यह बताने को काफ़ी हैं कि जनता अखिलेश यादव सरकार के नाकामियों और भ्रस्टाचार को समझ गई हैं। उधर एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रुप में और देवेन्द्र फडनविस और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रुप में महाराष्ट्र में विकास और राज्य की जनता की जनहितैषी योजनाएं बनाई। अटल सेतू , कोस्टल, मेट्रो यह सब महाराष्ट्र की जनता, मुंबई को दिया गया। तीन सिलेंडर योजना, बिजली बिल शेतकरी (किसान) माफ जैसी योजनाओं को लागू किया गया। साथ ही महिला, युवा और किसान को अपना बनाया गया। महिलाओं के लिए लाडकी बहिण, युवाओं के लिए लाडका भाऊ और किसानों के लिए लाडका शेतकरी जैसी आर्थिक सहायता, योजनाएं बनाई गई और इनको अपनत्व के भाव से यह सब कुछ दिया गया। नतीजा सामने है। एकतरफा जम कर विकास पर जोर दिया गया और दूसरी और जनता को आर्थिक सहयोग भरपूर दिया गया।

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Author: Jagta Jharkhand

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