मुजफ्फर हुसैन , जागता झारखण्ड , ब्यूरो राँची : इरबा नौजवान कमेटी अध्यक्ष हुमायूं अंसारी (नईम) ने मुहर्रम पर्व की खासियत और इसके पैगाम पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है और यह हमें इंसानियत, भाईचारे और कुर्बानी का पैगाम देता है। हुमायूं अंसारी (नईम ) ने बताया कि कर्बला की जंग में इमाम हुसैन और उनके साथियों ने अन्याय और जुल्म के खिलाफ डटकर लड़ाई लड़ी और अपनी जान की कुर्बानी देकर इंसानियत और सच्चाई की मिसाल कायम की। इस वजह से आज भी दुनियाभर में मुहर्रम का महीना गम और सब्र का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम हमें यह संदेश देता है कि हम हमेशा सच के रास्ते पर चलें और बुराई के खिलाफ आवाज उठाएँ, चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे मुहर्रम के महत्व को समझें और समाज में अमन-चैन बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएँ। हुमायूं अंसारी (नईम) ने स्थानीय प्रशासन और आम जनता से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की, ताकि मुहर्रम के मौके पर किसी तरह की अफवाह या गड़बड़ी ना फैल सके। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें सब्र, शांति और आपसी भाईचारे की सीख देता है, जिसे हमें अपनी जिंदगी में अपनाना चाहिए।
