बिशेष संवाददाता जागता झारखंड राजकुमार भगत
पाकुड़। 2024 का विधानसभा चुनाव पाकुड़ के लिए बहुत ही अद्भुत है और आश्चर्य है और यह साबित करता है कि यदि पाकुड़ में कांग्रेस के अलावा कोई और जितना चाहता है तो फिर उसके लिए कितना मेहनत करना होगा ?? यदि सब मिल जाए और एक पार्टी हो जाए तो भी कांग्रेस को पाकुड़ से हराना मुश्किल है ! यह कोई मैं मामूली बात नहीं कह रहा हूं अभी मैं इसको सिद्ध करने जा रहा हूं!? यूं कहिए की संपूर्ण भारत में ऐसे मतदान बहुत ही मुश्किल है जहां सब लोग मिलकर अगर एक हो जाए और फिर कांग्रेस को हरा दे ! तो है ना यह आश्चर्यचकित की बात ! अब हम इसको सिद्ध करते हैं कि पाकुड़ की कांग्रेस के पूर्व मंत्री व विधायक जनाब आलमगीर आलम की धर्मपत्नी निसात आलम कोई मामूली बढ़त नहीं बनाई है। एक अभूतपूर्व जीत हासिल की है और *यदि सब मिल भी जाते तो भी इनको नहीं हरा पाते*
*आईए देखते हैं एक रिपोर्ट*
पाकुड़ जिला में कुल मतदान हुए 294477 । इनमें आजसू को मिले 68919+ सपा को मिले 46417+अन्य को मिले 3612+438+533+334+709+318+1554+1382+605+2783+1436+6166+3162 कुल 138368 मत +2087 जिन वोटो का कोई महत्व नहीं है यदि इन सबों को मिला दिया जाए तो संपूर्ण मतदान कांग्रेस को छोड़कर 140455 मिले। यानी की अगर सभी पार्टियों को मिला दिया जाए और अन्य वोट भी मिला दिए जाएं तो संपूर्ण वोट मिलकर 140455 मतदान हुए। यानी की कुल मतदान 394477 हुए – और निसात आलम को 154022 मत मिले अगर इनको घटाव कर दिया जाए तो शेष मत 14 0455 होता है। अर्थात कुल मिलाकर अगर सभी कोई मिल जाए और अन्य वोट भी मिला दिया जाए तो भी इनकी संख्या 140455 होता है। जबकि अकेले कांग्रेस पार्टी के निसात आलम को 154022 मत मिले हैं।अर्थात इनको घटा दिया जाए तो भी वह 13563 वोटो से विजय घोषित होती। इसका सीधा-सीधा मतलब है कि अकेले कांग्रेस पार्टी पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में सभी पार्टियों पर भारी है। इसलिए अब शंका की कोई गुंजाइश नहीं मिलता कि लोग आपस में तू तू मैं मैं करें और यह विचार करें कि अगर वह नहीं काटता तो हम जीत जाते बल्कि यह गलत जवाब है अगर सब मिलकर एक हो जाते तो भी आप पाकुर से नहीं जीत पाते !!! यह संपूर्ण भारत के लिए आश्चर्यजनक बात।