जागता झारखंड संवाददाता शिकारीपाड़ा दुमका,:चंदनगड़िया मौजा पर पाँच फर्जी ग्राम सभा द्वारा पत्थर खनन लीज स्वीकृति मामले को लेकर आज स्थानीय अंचल अधिकारी ने पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी के पुलिस बल के साथ चंदनगड़िया ग्राम जाकर जांच-पड़ताल किया। ज्ञात हो कि विगत कई दिनों से चंदनगड़िया के सोलह आना रैयतगण सह ग्राम सभा सदस्यगणों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आरोप लगाते हुए आंदोलनरत हैं कि कुछेक स्थानीय और बाहरी भूमि माफिया के मिलीभगत से प्रस्तुत चंदनगड़िया ग्राम का फर्जी ग्राम सभा के आधार पर स्थानीय प्रशासन ने पाँच पत्थर खनन लीज स्वीकृत किया है। आज इस संदर्भ पर अंचल अधिकारी ने ग्रामीणों की भारी सभा के समक्ष लीज स्वीकृत किए गए जमीन मालिकों, (सोनोत मरांडी, विनोद मरांडी, सुरेंद्र सिंह, महादेव सिंह व एक अन्य का हस्ताक्षर का नमूना एक सादे कागज पर जाँच-पड़ताल हेतु लिया तथा अन्य जमीन मालिक की अनुपस्थिति होने के कारण उनका नमूना नहीं लिया जा सका। इस दरम्यान अंचल अधिकारी ने कोई भी दस्तावेज ग्रामीणों को नहीं दी। केवल अंचल अधिकारी ने सोनोत मरांडी और विनोद मरांडी का टूटा हुआ छत वाला कच्चे मिट्टी का घर का मुआयना किया और वापस लौट आए। भरी सभा में अंचल अधिकारी के समक्ष सोनोत मरांडी, विनोद मरांडी, सुरेंद्र सिंह और महादेव सिंह ने बयान दिया कि उन्हें नहीं मालूम कि उनका जमीन पर किसने पत्थर खनन का लीज कराया है? इस संदर्भ पर उसे कोई राशि भी नहीं दी गई है और न ही पत्थर खनन लीज को लेकर उसने किसी कागजात पर हस्ताक्षर नहीं किया है। उन लोगों ने इस साजिश का पुरजोर विरोध करते हुए पत्थर खनन नहीं करने देने का आवाज बुलंद किया। इधर इस संदर्भ पर चंदनगड़िया ग्राम के सोलह आना रैयतगणों ने आपसी एकता दिखाते हुए एक स्वर से कहा कि हमारे ग्राम का फर्जी ग्राम सभा प्रस्तुत कर किए गए पत्थर खनन लीज का हम पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंने आगे बताई कि हमारे ग्राम में पत्थर खनन लीज को लेकर आजतक कोई भी ग्राम सभा नहीं हुई है, इसलिए हम अपने चंदनगड़िया ग्राम में पत्थर खनन कार्य नहीं करने देंगे, पत्थर खनन मामले पर हम सहमत नहीं हैं, हम सब खेती बारी कर अपना जीवन यापन करना चाहते हैं। इस मौके पर स्थानीय प्रशासन और भूमि माफियाओं के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीणों ने पारंपरिक नगाड़े बजाकर तथा “चंदनगड़िया ग्राम में पत्थर खनन नहीं करने देंगे, पाँच फर्जी पत्थर खनन लीज रद्द करो, रद्द करो….जैसे अन्य नारे बाजी लगाकर स्थानीय प्रशासन को चेतावनी देते हुए अपनी माँग कर रहे थे।


