मुजफ्फर हुसैन, जागता झारखण्ड, ब्यूरो रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित प्रेस क्लब में राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति भारत द्वारा पेसा कानून को पूरी तरह से लागू करवाने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता पूर्व मंत्री और समिति के संयोजक देव कुमार धान ने की। बैठक में झारखंड के विभिन्न जिलों के आदिवासी नेता शामिल हुए, जिन्होंने राज्य सरकार से शीघ्र पेसा कानून लागू करने की मांग की। नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर कानून लागू नहीं हुआ तो धरना प्रदर्शन, रोड जाम और रैलियों के जरिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। झारखंड प्रदेश ग्राम प्रधान महासंघ के अध्यक्ष रमेश उरांव ने कहा कि पेसा कानून 24 दिसंबर 1996 को केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया था। यह कानून भारतीय संविधान की अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों के अधिकारों को बढ़ाने और आदिवासी समुदायों की स्वायत्तता को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। हालांकि, इसे लागू करने के लिए राज्यों को अपनी-अपनी नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया गया था, और अब तक कई राज्यों में इसे लागू किया जा चुका है, लेकिन झारखंड में इसका पूर्ण रूप से कार्यान्वयन नहीं हुआ है।
बैठक में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं में पूर्व मंत्री देव कुमार धान, रमेश उरांव, बलकु उरांव, फूलचंद तिर्की, विजय कुजूर, महादेव मुंडा, हितेश्वर भगत, गोपाल मुर्मू, जगदीश उरांव, प्रभु दयाल उरांव, पंचानन सोरेन, बलदेव मुंडा, दीनबंधु सिंह मुंडा, डॉक्टर अर्जुन टुडू, अनीता गाड़ी, कृष्णा हंसदा, कलावती खड़िया, भोलानाथ सिंह मुंडा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।
