जागता झारखंड संवाददाता
लिट्टीपाड़ा/पाकुड़ – बुधवार को प्रखंड कार्यालय के सभागार भवन में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान लॉन्च किये गये कार्यक्रम में लिट्टीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत सभी स्वंय सहायता महिला समुह , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं सह सहयोगी,ए. एन. एम, स्वास्थ्य सहिया आदि की उपस्थिति में वेबकास्ट लिंक के माध्यम से भाग लिया।
वहीं बाल विवाह के कई दुष्परिणाम पर प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार ने उपस्थित कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह से लड़कियों का स्कूल छोड़ने की संभावना बढ़ जाती है। बाल विवाह से लड़कियों को घरेलू हिंसा और एचआईवी/एड्स का खतरा बढ़ जाता है साथ ही बाल विवाह से लड़कियों को कई तरह की बीमारियां होती है। बाल विवाह से कम उम्र में ही गर्भवती होने का खतरा बढ़ जाता है। बाल विवाह से प्रसव के दौरान कमज़ोरी होने के कारण लड़कियों की मौत हो सकती है। बाल विवाह से गर्भ में पल रहे बच्चे का पूर्ण विकास नहीं हो पाता और बाल विवाह से बच्चे कुपोषित पैदा होते हैं या फिर गर्भ में ही किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं। बाल विवाह से शिशु मृत्यु दर बढ़ती है। बाल विवाह से बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण, और शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जाता है।इस वेबकास्ट लिंक आयोजन में मुख्य रूप से महिला पर्यवेक्षिका सोनाली, रागिनी कुमारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी के. सी. दास सहित काफ़ी संख्या में बाल विकास परियोजना, स्वास्थ्य, जेएसएलपीएस की महिलाएं उपस्थित थे।