फाइंडिंग जागरूकता रथ को जिला यक्ष्मा केन्द्र, दुन्दुरिया से हरी झंडी दिखाकर  उपयुक्त ने रावाना किया।

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जागता झारखंड ब्यूरो चीफ गुमला

इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि जिले में यक्ष्मा उन्मूलन के लिए प्रत्येक व्यक्ति की जाँच जरूरी है। आज रवाना किए गए जागरूकता रथ के माध्यम से गुमला जिले के प्रत्येक प्रखंड पंचायत एवं ग्रामों में यक्ष्मा उन्मूलन से संबंधी जागरूकता फैलाई जाएगी। साथ ही रवाना किए गए चलंत चार पहिया जाँच वाहनों के माध्यम से प्रति प्रखंड, पंचायत, स्कूल, काॅलेज एवं गाँव-गाॅव में यक्ष्मा के मरीजों का सर्वेक्षण कराते हुए उन्हें चिन्हित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि शुरुआती दौर में यह कार्यक्रम 100 दिनों तक चलाया जाएगा। जिसके तहत कम्युनिटी मोबलाइजर, पारा चिकित्सीय कर्मी, सहिया आदि के सहयोग से एक सूक्ष्म कार्ययोजना के आधार पर जिले के सभी गांवों, कस्बों, मोहल्लों में घर-घर, स्कूल, काॅलेज जाकर यक्ष्मा के लक्षण वाले संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। साथ ही उनके स्पुटम (खखार) का सैंपल लेने के बाद उसे जांच केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा। इसके पश्चात् यक्ष्मा से संक्रमित मरीजों को निःशुल्क दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उपायुक्त द्वारा सभी स्वाथ्य कर्मियों को शुभकामनाएं दिय।


राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 07.12.2024 को जिला यक्ष्मा केन्द्र गुमला के परिसर में गुमला जिला के बढ़ते टी0बी रोगगियों तक पहुॅच बने इसके लिए पूरे भारत बर्ष के 347 जिलों में एक जिला गुमला को टी0बी मुक्त करने हेतु 100 दिवसीय टी0बी जागरूकता अभियान के साथ टी0बी रोगियों को घर-घर खोज कर निकालना है। इसके लिए असुरक्षित जनसंख्या जिसमें 60 बर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, सुगर पेशेन्ट, शराब एवं धुम्रपान करने वाले व्यक्ति टी0बी मरीज के घर वाले, पिछले 5 बर्षों के अन्तराल में टी0बी दवा खाये रोगी, एच0आई0भी मरीज, जिस व्यक्ति का बी0एम0आई 18 से कम हो, तथा अभी जिनमें तत्काल में टी0बी लक्षण नजर आ रहे है। उनका स्क्रीनिंग कर X-Ray कराना है एवं X-Ray में चयनित टी0बी0 रोग परिलक्षित होता है तो टी0बी0 की दवा दी जानी है एवं उनका ट्रू नट से बलगम का जाॅच भी कराया जायेगा।
यदि असुरक्षित जनसंख्या के व्यक्तियों में टी0बी0 रोग नहीं पाया जाता है तो उन सभी को TPT (TB Preventive Treatment/Theraphy दी जायेगी। इस कार्यक्रम के लक्ष्य को पुरा करने के लिए गुमला जिला के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर/सबसेन्टर के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, ए0एन0एम0 एक अपने- कार्यक्षेत्र में सभी जन-जन के लिए एक माइक्रोप्लान बनायेेंगे एवं उनके कार्यक्षेत्र के प्रत्येक घर के सदस्यों का स्क्रीनिंग के लिए सहिया/समाज सेवी/स्वास्थ्य कार्यक्षेत्र टी0बी चैम्पियन को तिथिवार एवं समयानुसार भेजना सुनिश्यित करेंगे। सहियाओं एवं घर-घर जाने वाले कायकर्ता कार्यक्रम से संबंधित प्राप्त प्रपत्र को विन्दुवार भर कर असुरक्षित जनसंख्या का पहचान करेंगे।

उन सभी पहचान किये गये संभावित टी0बी0 मरीजों का टी0बी 10 लक्षणों पर स्क्रीनिंग करने को कहा गया। जैसे कि बलगम वाली खाॅसी, बलगम में खून आना, बुखार, सीने में दर्द, शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ होना, हाल में हुए शारिरीक बदलाव, वनज में गिरावट, रात में पसीना आना, पुरानी बिमारी, थकान आना ग्रामवार इन सभी असुरक्षित समुदाय के व्यक्तियों को चिन्हित कर X-Ray कराना है। X-Ray में टी0बी0 रोग है तो बलगम ट्रू नट जाॅच करेंगे उसके उपरान्त टी0बी0 की दवा दी जायेगी।

यदि टी0बी0 रोगी नहीं है तो उन्हें TPT (TB Preventive Treatment/Theraphy) प्रत्येक असुरक्षित जनसंख्या  को दी जायेगी। इ
इस अभियान का उदेश्य टी0बी0 रोग पर व्यक्ति के खर्च को शून्य करना एवं टी0बी0 रोगी मृत्यु दर को कम करना है।

उपस्थिति
जागरूकता रथ की रवानगी के अवसर पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी सहित डाॅ0 धनंजय सुम्बरई, डाॅ0 गणेश राम, डाॅ0 भीम सुर्दशन, मोनिका, विवेकानंद कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डी0पी0एम, डी0ए0एम सहित अन्य उपस्थित थे।
Touphik Alam
Author: Touphik Alam

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