जागता झारखंड दुमका ब्यूरो
दुमका वैसे तो जिला में विकास का नाम रूक ही नहीं रहा है लेकिन दुमका जिला में पदाधिकारी के मौन या विधायक मंत्री के अनदेखी के वजह से दिखाई नही दे रही है, ये तो सवालों के घेरे में है, उपराजधानी जैसे जगह और सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय तो सुना ही होगा, सैकड़ों के तादाद पर पदाधिकारी और विद्यार्थी के साथ मजदूर लोग भी यहां गाड़ियों का इन्तजार करते पर आलम तो ये है, की यहां की पदाधिकारी की आंख खुल ही नहीं रही है, क्या करें तो सिस्टम ही बंधा हुआ है, बरसों पुरानी यात्रा सेंड जर्जर हालत में कभी भी धंस सकता है, और कचड़े से भी भरा हुआ लेकिन किसी की नजर तक नहीं आती है लोग सुबह से लेकर शाम तक यहां गाड़ी में चढ़ने के लिए इन्तजार करते हैं ,पर बैठने वाला जगह तक नहीं है, पता नही विकास के नाम पर ढिंढोरा पीटने में राजनेता तो आगे है ,पर पदाधिकारी को दो नजर आना चाहिए लेकिन क्या करे यहां से जेब भरेंगे नहीं जहां से भरेंगे वहां ना विकास होगा वैसे तो हास्टल में रहने वाले कुछ युवा राजनीति में दिलचस्पी तो रखते हैं ,और कुछ मुद्दों पर राजनीति करते हैं लेकिन बगल पर विवशता का आलम ऐसा है ,इस पर कुछ बोलेंगे नहीं क्योंकि पढ़ाई लिखाई का खर्च भी तो निकालना है ,वहां से तो निकलेगा नहीं, यही है विकास के नाम पर ढिंढोरा, देखना यह है खबर का असर कब होता है, ये तो पदाधिकारी ही बता पायेंगे, क्योंकि बगल में प्रखंड कार्यालय के पदाधिकारी भी रोज इसी रोड पर आना जाना करते है।