जागता झारखंड संवाददाता हजारीबाग : शनिवार स्थित रोमी चौक हजारीबाग से प्रेस से बात करते हुए प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर हजरत अल्लामा जाबिर हुसैन सिद्दीकी ने फरमाया के आज ज़रूरत इस बात की है कि लोग अपने रब की रज़ा के लिए अपनी सारी चीज कुर्बान कर दें जिस तरह से इस्लामी कैलेंडर के 12 महीने होते हैं उसमें एक महीना ज़िल हिज का होता है जिसकी दस तारीख को हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को राहे खुदा में कुर्बान करने के इरादे से लेकर मुस्कुराते हुए चले गए और उनकी कुर्बानी अल्लाह की दरबार में कूबूल भीकर ली गई कितना मुश्किल है अपने हाथ से बेटे को कुर्बान करना यह सब के हौसले और सब की हिम्मत की बात नहीं होती है आज हमें चाहिए कि हम अपने खुदा की मर्ज़ी के लिए अपनी प्यारी से प्यारी चीज़ कुर्बान करके खुदा के करीब हो जाएं और दुनिया के तमाम फितने और फसाद से अपने आप को अलग कर लें खुदा की मर्जी तब ही शामिल हाल होती है यही जज़्बा अगर सीनों में मौजूद हो तो एक इंसान अल्लाह का बहुत करीबी बन जाता है और उसकी वजह से लोग हिदायत का रास्ता पा लेते हैं।
