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भीड़- भाड वाले जगह से दूर शांत माहौल में बना महात्मा गांधी पुस्तकालय बच्चों के पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कर रहा है मदद , घाघरा जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र के लिए महात्मा गांधी पुस्तकालय एक वरदान से काम नहीं- वीडियो दिनेश कुमार

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जागता झारखंड संवाददाता बजरंग कुमार महतो घाघरा प्रखंड परिसर स्थित महात्मा गांधी पुस्तकालय भवन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रहा है, यहां छात्र प्रतियोगी तैयारियों के साथ साथ कम्प्यूटर के ज्ञान का भी लाभ ले रहे हैं। इस पुस्तकालय भवन से छात्रों को कई तरह के फायदे हुए हैं, जिससे उनकी पढ़ाई में काफी मदद मिल रही है। नए पुस्तकालय में विभिन्न विषयों की हजारों किताबें, पत्रिकाएं और समाचार पत्र उपलब्ध हैं। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई और ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिल रही है। वहीं पुस्तकालय भवन घाघरा ब्लॉक परिसर में बना हुआ है, ब्लॉक परिसर भीड़ भाड़ वाले जगह से दूर होने के वजह से पुस्तकालय भवन का शांत वातावरण छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर रहा है। पुस्तकालय में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे छात्र ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। वहीं पुस्तकालय में ग्रुप स्टडी के लिए अलग से जगह बनाई गई है, जिससे छात्र एक साथ मिलकर पढ़ाई कर सकते हैं।पुस्तकालय में समय-समय पर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे कि पुस्तक प्रदर्शनी, सेमिनार और कार्यशालाएँ।सुदूरवर्ती क्षेत्र के छात्रों को मिल रहा फायदा घाघरा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में पुस्तकालय भवन बनने से छात्र बहुत खुश हैं। छात्रों का कहना है कि यह पुस्तकालय उनके लिए ज्ञान का एक नया द्वार है। वे अब अपनी पढ़ाई को और बेहतर तरीके से कर सकते हैं। गरीब छात्रों के लिए मिल का पत्थर साबित हो रहा हा है लाइब्रेरी- अगस्टिन महेश कुजूर पुस्तकालय भवन के अध्यक्ष अगस्टिन महेश कुजूर ने कहा कि घाघरा प्रखंड में काफी गरीब छात्र हैं जो बाहर जाकर पढ़ने में असमर्थ है वो लोग यहां आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और सभी प्रकार की प्रतियोगी किताब उपलब्ध होने के कारण अच्छे से तैयारी कर पा रहे हैं। पुस्तकालय भवन गरीब छात्र छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।इस संबंध में बताते हुए घाघरा वीडियो दिनेश कुमार ने कहा घाघरा जैसे आदिवासी बहुल सुदूरवर्ती क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए महात्मा गांधी पुस्तकालय एक वरदान से काम नहीं है उन्होंने कहा इस पुस्तकालय में नए-नए पठन-पाठन सामग्री के साथ-साथ तकनीक की ज्ञान भी यहां पढ़ने वाले बच्चे प्राप्त कर रहे हैं जिस काम के लिए उन्हें रांची धनबाद बोकारो दिल्ली आदि जगहों में जाकर पढ़ाई करना पड़ता था और बहुत अधिक पैसा खर्च होता था आज वह सारी सुविधाएं यहां उपलब्ध है जो की बिल्कुल निशुल्क है आने वाले दिन में यहां अध्यनरत बच्चे एक अच्छा मुकाम हासिल करेंगे और घाघरा जैसे जगह का नाम देश और दुनिया में अंकित करेंगे|*लाइब्रेरी बनने से छात्रों को अपना लक्ष्य हासिल करने में होगी आसानी- अनिरुद्ध चौबे* वहीं पुस्तकालय भवन के सचिव अनिरुद्ध चौबे ने कहा कि, “हमारा लक्ष्य छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। नया पुस्तकालय भवन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” निरंतर शिक्षा लेकर छात्र अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकते हैं बस मन में पढ़ने की लगन और दृढ़ संकल्प होना आवश्यक है। पुस्तकालय छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है, पुस्तकालय भवन छात्रों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। इससे छात्रों को न केवल अपनी पढ़ाई में मदद मिल रही है, बल्कि उनका ज्ञान भी बढ़ रहा है।

घाघरा बीडीओ दिनेश कुमार

पुस्तकालय भवन के सचिव अनिरुद्ध चौबे

Jagta Jharkhand
Author: Jagta Jharkhand

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