बचन कुमार पाठक जागता झारखंड साहिबगंज : डॉ सूर्यानंद प्रसाद,पॉद्दार होम्योपैथिक क्लिनिक , मेन रोड़ साहिबगंज में स्थित है का कहना हैं श्वेत प्रदर ल्यूकॉरिहिया का बीमारी महिलाए से जुड़ी हैं, उचित समय पर देखभाल एवं दवा का सेवन से पूरी तरह ठीक होने वाली बीमारी है। उन्होंने बताया श्वेत प्रदर महिलाओं की एक आम समस्या है। जिसमें योनि से लगातार सफेद, चिपचिपा या गाढ़ा स्राव होता है। यह स्थिति सामान्य भी हो सकती है, जैसे मासिक धर्म से पहले या गर्भधारण के दौरान, लेकिन अगर स्राव में दुर्गंध हो, खुजली हो, या महिला को कमजोरी महसूस हो तो यह चिंता का विषय बन जाता है।इसका मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन,गुप्तांगों की उचित सफाई न होना,संक्रमण (फंगल, बैक्टीरियल या यौन जनित रोग),तनाव, कब्ज़, अत्यधिक मानसिक दबाव एवं शरीर में खून की कमी या पोषण की कमी से महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो जाती है। श्वेत प्रदर से बचाव कैसे करें
डॉ सूर्यानंद आगे बताते है कि इस रोग से महिलाएं अपनी देखभाल व चिकित्सीय परामर्श से इस बीमारी से छुटकारा पा सकती है।बताया गुप्तांगों की नियमित सफाई करें बिना रसायन वाले पानी से, ढीले और सूती कपड़े पहनें, संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्ज़ियां, फल, दही शामिल हो, बहुत मीठा,तेल-मसालेदार भोजन और ठंडा पानी से बचे,मानसिक तनाव से बचें – योग व ध्यान प्रतिदिन करें ,वही शारीरिकसंबंध बनाते समय साफ-सफाई और सुरक्षा का ध्यान रखें। होम्योपैथिक चिकित्सा : बिना साइड इफेक्ट के समाधान
उन्होंने बताया होम्योपैथी में श्वेत प्रदर का इलाज व्यक्ति की प्रकृति, लक्षणों और मानसिक अवस्था को ध्यान में रखकर किया जाता है। दवा का सेवन चिकित्सकीय परामर्श से ही करें।डॉक्टर से कब संपर्क करें
जब स्राव में दुर्गंध हो या पीला/हरा रंग हो,खुजली, जलन या पेशाब में तकलीफ हो,कमजोरी, चक्कर, कमज़ोरी या मासिक अनियमितता हो जहांस्राव लंबे समय तक बना रहे।उनका मानना है श्वेत प्रदर कोई लज्जा की बात नहीं, बल्कि समय रहते उचित इलाज से पूरी तरह ठीक होने वाली स्थिति है। होम्योपैथिक इलाज न केवल लक्षणों को खत्म करता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
