जागता झारखंड ब्यूरो साहिबगंज
दिव्यांगों के शिक्षा एवं पुनर्वास के लिए उदय मरांडी द्वारा स्थापित मूक बधिर विद्यालय, धोबी झरना में सोमवार को दिव्यांग बच्चों के “कौशल संवर्धन” कक्षा आयोजित हुआ।
कौशल संवर्धन कक्षा को डॉ सच्चिदानंद, पूर्व प्रधानाचार्य सह सचिव झारखंड राजभाषा साहित्य अकादमी ने छात्रों से बातें की। बच्चों की भाषा सीखने की जरूरत जीवन से अलग नहीं होना चाहिए।
सांकेतिक भाषा के माध्यम से छात्रों जल्दी सीखते है।
सिस्टर अंकिता लकड़ा प्रधानाचार्य ने भी अपने अनुभव के आधार पर कहा कि बच्चे सांकेतिक भाषा को अपने संदर्भों के माध्यम से जल्दी समझ लेते हैं ।सिस्टर अंबिका, अनुफातिमा , अंजलि एवं मिस निर्मला, शिक्षक महेंद्र एवं अरुण ने भी अपने विचार रखें और सीखने के विभिन्न स्तरों को विस्तार के साथ छात्रों में गतिविधियों के माध्यम से जल्दी सीखने की प्रक्रिया को उचित ठहराया।
सिस्टर अंकित लकड़ा ने अत्यंत साफ सुथरा विद्यालय परिसर का अवलोकन कराया। विभिन्न प्रकार के फल सब्जियां मड़वा छात्रों के द्वारा उपजाया जाता है। इससे उनका शारीरिक व्यायाम भी हो जाता है। सामूहिक फोटोग्राफी हुई जिसमें बच्चों ने आनंदपूर्वक भाग लिया।