रिश्वत दिये बगैर शाहकुंड अंचल में नहीं होता कोई काम। अधिकारी कर रहे सिर्फ खानापूर्ति।

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जागता झारखण्ड संवाददाता ,भागलपुर ,बिहार, सईदअनवर


शाहकुंड अंचल में भ्रष्टाचार का मामला आए दिन देखने को मिल रहा है। सरकार के भू राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल के भ्रष्टाचार के प्रति अंकुश और कड़े तेवर के बावजूद अंचलों और डीसीएलआर को दिये जाने  के बावजूद  भ्रष्टाचारों में कोई कमी देखने को नहीं मिल रहा है।
ताजा मामला अंचल के जगरिया पंचायत निवासी पप्पू सिंह का है जिन्होंने जिलाधिकारी को एक लिखितआवेदन देकर शिकायत की है कि उसने परिमार्जन प्लस के लिए लगभग तीन माह पहले जिसका आवेदन संख्या क्रमशः 24227931348191 तथा 24226352349002 है। जो बिना कारण के लॉगिन में रखा गया है। कारण जानने के लिए आवेदक  जब अंचलाधिकारी हर्षा कोमल से मिलने कार्यालय स्थित कक्ष में प्रवेश करने लगा तो मौके पर मौजूद गार्ड विनय सिंह अंदर जाने से रोक दिया, और कहां की काम करवाना है तो मेरे घर पर आना। अंचल के डाटा ऑपरेटर अमित कुमार ने भी आवेदक को दो टूक कह दिया कि बिना पैसे के यहां काम संभव नहीं है। आवेदन में आगे आवेदक पप्पू सिंह ने अंचल कार्यालय में घोर जातिवाद और भ्रष्टाचार का गंभीर मामला उठाया है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि मेरे से गार्ड और ऑपरेटर द्वारा अंचलाधिकारी के नाम पर मांगे गये रिश्वत के पर्याप्त सबूत मेरे पास है। जरूरत पड़ने पर इसे मैं सामने ला सकता हूं। आरोप में कहा गया है कि एक-एक राजस्व कर्मी के तहत कई दलाल काम करते हैं। कोई भी राजस्व कर्मी आवंटित  पंचायत भवनों में नहीं बैठते हैं जिससे आम जनों को अपने पंचायतों से कई कई किलोमीटर चल कर अपने राजस्व कर्मी को अंचल आकर उन्हें ढूंढना पड़ता है। बावजूद उन्हें वह मिलते नहीं अगर मिलते भी हैं तो  बिना रिश्वत के कोई बात तक नहीं करते। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि अगर औचक निरीक्षण किया जाए तो मौके पर कई अनाधिकृत दलाल और राजस्व कर्मी रिश्वत लेते पकड़े जा सकते हैं। आवेदक पप्पू सिंह ने गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे द्वारा दिए गए परिमार्जन प्लस का काम फौरी तौर पर कराया जाए। आवेदन की प्रतिलिपि भूमि एवं राजस्व विभाग के मंत्री को भी प्रेषित किया गया है।

Touphik Alam
Author: Touphik Alam

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