जागता झारखंड संवाददाता शिकारीपाड़ा दुमका
शिकारीपाड़ा/दुमका: प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति, शिकारीपाड़ा और स्वयंसेवी संस्थान प्रवाह के संयुक्त तत्त्ववधान में लिंग आधारित हिंसा के उन्मुलन हेतु शुक्रवार को जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना तथा स्थानीय संस्थाओं को मजबूत करके महिला और बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक भयमुक्त समाज बनाने पर जोर देना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन बीडीओ एजाज आलम, सीओ सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कपिल देव ठाकुर, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी देवानन्द मिश्रा, परियोजना समन्वयक, प्रवाह एवं महिला प्रसार पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से किया है।
बीडीओ ने बताया कि समाज में लिंग समानता लाने के लिए सभी को समान रूप से अग्रणी भूमिका निभानी होगी। आज धीरे-धीरे समाज में महिलायें हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। पंचायती राज संस्थाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। महिला जनप्रतिनिधियों में निर्णय लेने की क्षमता पहले की तुलना में ज्यादा देखा जा सकता है। उन्होंने महिला लीडरों से अपील किया कि अपने पद के अनुरूप अपनी जिम्मेदारी खुद ही निभाए। अपने स्थान पर पति और घर के किसी अन्य पुरुषों को निर्णय न लेने दें। निर्णय खुद ही लें। महिला सशक्तिकरण से ही देश विकसित होगा। सीओ ने जोर देकर कहा कि लैंगिक समानता के लिए बदलाव की पहल अपने घर-परिवार से करनी होगी। जीवन और विकास के क्षेत्र में लड़का, लड़की, तृतीय लिंग सहित सभी को समान अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है।
प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी ने बाल संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि बच्चों सहित सभी माता-पिता और हितधारकों को उचित और अनुचित स्पर्श के बारे जानने की जरूरत है। बच्चों का प्रथम पाठशाला घर ही होता है। इसलिए माता-पिता की यह भी जिम्मेदारी है कि बाल यौन शोषण से बचाने के लिए बच्चों को बचपन से शिक्षित व जागरूक करें।
प्रवाह संस्था के परियोजना समन्वयक प्रेम कुमार ने बाल संरक्षण कहा कि लैंगिक समानता और लैंगिक असमानता के बीच अंतर, लैंगिक समानता की आवश्यकता, लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने में स्थानीय संस्थाओं की भूमिका के साथ- साथ महिला और बच्चों से सम्बन्धित समर्थन सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। महिला और बच्चों के लिए समर्थन सेवाओं तक सुलभ पहुँच सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय संस्थाओं को जागरूक,सशक्त और संवेदनशील होना होगा। इसके लिए सरकारी और गैर- सरकारी तंत्र को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता हैं।
जिला बाल संरक्षण इकाई, दुमका के प्रतिनिधि ने मिशन वात्सल्य के अंतर्गत मिलने वाले प्रायोजन योजना के बारे में विस्तार से बताया तथा बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी दी।
इसी प्रकार महिला प्रसार पदाधिकारी, शिकारीपाड़ा, जिला बाल संरक्षण इकाई, दुमका के प्रतिनिधि, प्रखण्ड कार्यक्रम मैनेजर जेएसएलपीएस, महिला पर्यवेक्षिका, शिकारीपाड़ा एवं ढाका पंचायत की मुखिया उषा किरण मुर्मू सहित अन्य हितधारकों ने बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित और भयमुक्त समाज के लिए वकालत किया।
इस मौके पर महिला पर्यवेक्षिका हेमलता कुमारी, दीपाली दासी, फुलकुमारी हाँसदा, बीपीओ नयन कुमार, मुखिया सीसिलिया हाँसदा, नमिता बासकी, सुनीता हेमब्रम, जेन्डर सीआरपी प्रमिला टुडू, रुमारानी दास, शांतनी प्रवाह के कार्यकर्ता कारण मुर्मू, मारथा हाँसदा, बिमोली हेमब्रम, पीएलवी सुशीला हेमब्रम सहित सैकड़ों की संख्या में आँगनवाड़ी सेविका, ग्राम प्रधान और अन्य हितधारक मौजूद थे।