लोहरदगा में दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या के दोषी को फांसी की सजा

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जागता झारखंड ब्यूरो चीफ  मीर उबैद उल्लाह  लोहरदगा
लोहरदगा। जिले के बगडू थाना क्षेत्र अंतर्गत अरेया गांव की एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने के दोषी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट अखिलेश कुमार तिवारी ने फांसी की सजा सुनाई है। अरेया निवासी आरोपित इंदर उरांव (25) को धारा 302 में दोषी पाते हुए फांसी की सजा जबकि पॉस्को एक्ट में सश्रम आजीवन कारावास (मृत्यु पर्यंत) एवं पच्चीस हजार रुपये जुर्माना की सजा दी गई है।बताया जा रहा है कि लोहरदगा में नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में कुल 17 लोगों की गवाही के बाद आज फैसला सुनाया गया।डीजे वन सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायधीश अखिलेश कुमार तिवारी की कोर्ट ने फैसला सुनाया। बगडू थाना क्षेत्र के आर्या गांव का मामला है। दिसंबर 2022 में पीड़िता की मां के लिखित शिकायत के बाद बगड़ू थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी इंदर उरांव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में लोहरदगा जेल भेजा।मृत्युपर्यंत सश्रम आजीवन कारावास और 25 हजार का जुर्माना भी।जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट अखिलेश कुमार तिवारी ने आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अभियुक्त इंदर उरांव (25) पिता लक्षण उरांव अरेया निवासी को धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए मृत्युदंड की सजा दी गई है। इतना ही नहीं, मृत्युपर्यंत सश्रम आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई है। 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।24 दिसंबर 2022 को गला दबाकर की थी 5 वर्ष की बच्ची की हत्या।24 दिसंबर 2022 को दोपहर 3:00 बजे अरेया गांव में एक छोटी बच्ची सहेलियों के साथ खेल रही थी इसी बीच इंदर उरांव वहां पहुंचा और छोटे-छोटे बच्चों को 5-5 रुपए देकर चॉकलेट खरीदने भेज दिया। एक छोटी बच्ची को 50 रुपए देकर अपने साथ घूमने ले गया।बच्ची की मां अपनी बेटी को ढूंढ़ रही थी। इसी दौरान उसे इंदर दिखा। महिला ने इंदर से पूछा कि उसकी बेटी कहां है।
बता दें कि आरोपी इंद्र उरांव के ऊपर पूर्व में अपनी दादी के हत्या का मामला गवाही के दौरान आया है। लोहरदगा व्यवहार न्यायालय ने आरोपी इंदर उरांव को लोहरदगा जेल में रहते हुए वीडियो के माध्यम से पेशी किया और सजा सुनाया गया. बता दें कि लोहरदगा में 14 वर्षों बाद कोई दूसरे आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है।गला दबकर बच्ची की मां को भी मारने का किया था प्रयासबच्ची की मां का सवाल सुनकर इंदर घबरा गया और वहां से भागने लगा।महिला ने उसका हाथ पकड़ लिया। हाथ छुड़ाने के उद्देश्य से इंदर उरांव ने गला दबाकर महिला को मारने का प्रयास किया। इसी बीच, भीड़ जमा हो गई।कुछ लोगों ने बताया कि इंदर उरांव बच्ची के साथ घूम रहा था।बच्ची के परिजन बोले- ऐसा कृत्य करने वालों के लिए सजा एक सबक।सरकार की तरफ से लोक अभियोजक मिनी लकड़ा ने बहस की, बचाव पक्ष की ओर से नारायण साहू ने दलीलें रखीं। न्यायालय के इस फैसले के बाद बच्ची के परिजनों ने कहा कि बच्ची तो अब इस दुनिया में नहीं रही, लेकिन इस सजा से वैसे लोगों को एक सबक मिलेगा, जो ऐसा कुकृत्य करते हैं।

Touphik Alam
Author: Touphik Alam

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