जागता झारखंड ब्यूरो चीफ गुमला : पाकिस्तान के पेटेंट टैंक को उडाने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के कौमी भाइयों पर जुल्म बंद हो । गुमला. अंजुमन इस्लामिया गुमला के तत्वावधान में शुक्रवार को मुस्लिम धर्मावलंबियों के द्वारा वक्फ संशोधन कानून 2025 के विरोध में रैली निकाला गया. रैली की शुरुआत थाना रोड स्थित जामा मस्जिद में जुम्मा की नमाज के बाद लगभग 2:30 बजे शुरू किया गया. उक्त रैली थाना रोड से शुरू होते हुये टावर चौक, मेन रोड, पटेल चौक, लोहरदगा रोड, थाना चौक होते हुये पुन जामा मस्जिद के समीप पहुंच कर सभा में तब्दील हो गई. रैली के दौरान हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथ में तख्ती लिये हुये वक्फ संशोधन कानून का विरोध जताया तखतियों पर संविधान बचाओ ,लोकतंत्र की हत्या बंद करो ,वक्फ संशोधन बिल वापस लो, वक्फ हमारी पहचान है, वक्फ संशोधन बिल 2025 हमें मंजूर नहीं ,पाकिस्तान के पेटेंट टैंक को उड़ाने वाले परमवीर अब्दुल हमीद चक्र विजेता शाहीद के कौमी भाइयों पर जुल्म बंद करो, आदि लिखे थे,उक्त कानून में किये गये संशोधन को रद्द करने मांग किया गया. जिसके उपरांत अंजुमन इस्लामिया के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. अंजुमन के सदर मुशाहिद आजमी ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन कानून 2025 का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार अंजुमन इस्लामिया गुमला प्रजातांत्रिक तरीके से जिला के तमाम मुस्लिमों ने शांति प्रोस्टेट मार्च मुख्यालय में निकाल कर अपना विरोध दर्ज किया है. देश के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 प्रत्येक धार्मिक समुदाय को न केवल अंतरात्मा की स्वतंत्रता प्रदान करते है बल्कि अपने धर्म का पालन करने, प्रचार प्रसार करने तथा धार्मिक और परोपकारी कार्यों हेतु संस्थाएं स्थापित करने और उन्हे अपने अनुसार संचालित करने का अधिकार देते है. वर्तमान संशोधित कानून मुसलमानों को इस मौलिक अधिकार से वंचित कर देता है. केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों के गठन से संबंधित संशोधन इका जीवन प्रमाण है इसी प्रकार वक्फ दाता पर पांच वर्ष तक पैक्टिसिंग मुस्लिम होने की शर्त न केवल संविधान के अनुच्छेद 25 के विरुद्ध है बल्कि शरीअत से भी कराती है. याचिका में इस कानून को भेदभावपूर्ण और अनुच्छेद 25 के प्रतिकूल बताया गया है. हमें यह कानून मान्य नहीं है इस लिये इस कानून में पुनर्विचार किया जाये. सचिव मकसूद आलम ने कहा कि जिन अधिकारों और संरक्षणों का लाभ अन्य धार्मिक समुदायों की वक्फ संपत्तियां को प्राप्त है उनमें मुस्लिम वक्फों को वंचित कर दिया गया है. मौजूदा संशोधन से वक्फ की जमीन एवं वक्फ की संपत्तियों में सरकारी भू माफिया और पूंजीपतियों का अवैध कब्जा होने का अंदेशा है. आशिक अंसारी, कलीम अख्तर, सरवर आलम, शहजाद अनवर, शमीम खान, हसन उर्फ लड्डन, खालिद शाह अकिल रहमान आफताब आलम उर्फ लाडले अफसर आलम, खुर्शीद आलम उर्फ पप्पू मोहम्मद मेराज, कौशर हव्वारी, मोहम्मद अनवर, साहब वसीम फिरोज आलम मोहम्मद अनवर उर्फ अननू, आरिफ अंसारी नसीम खलीफा मुमताज आलम, असलम, मोहम्मद कलीम मोहम्मद आरिफ उर्फ डेजी, आजाद खान, फिरोज राय फिरोज, शाहनवाज कुरैशी, शाहजहां अंसारी, इरफान अली, मोहम्मद बन्नू समसुजोहा, तनवीर नाज, समरूद्दीन कुरैशी, आफताब खान शकील खान, मोहम्मद समशुल खान, जहांगीर आलम समेत सभी 12 प्रखंडों के लगभग 135 अंजुमन इस्लामिया के पदाधिकारी समेत भारी संख्या में आस पास के क्षेत्रों के हजारों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल थे.





