शिकारीपाड़ा में ग्राम प्रधान व ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर व फर्जी ग्राम सभा के माध्यम से पत्थर खदान के लिए लीज देने का मामला उजागर।
वार्ड सदस्य मिलन शेख ने सीओ पर लगाया पत्थर उत्खनन के लिए ग्राम सभा की सहमति देने का दबाव बनाने का आरोप ।

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जागता झारखंड संवाददाता शिकारीपाड़ा दुमका

दुमका जिले का शिकारीपाड़ा प्रखंड अवैध कोयला एवं पत्थर उत्खनन के लिए पूरे राज्य में सुर्खियों में रहा है। भोली भाली जनता को पत्थर माफिया एवं पदाधिकारी दबाव एवं भाई बनकर लगातार ठगते आ रहे हैं, लेकिन इस बार गांव के भोले भाले ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों का साथ मिलने लगा है। प्रखंड के चित्रा गढ़िया पंचायत के बेना गढ़िया मौजा में बगैर ग्राम सभा के ग्राम प्रधान एवं ग्रामीणों का फर्जी हस्ताक्षर व फर्जी ग्राम सभा के माध्यम से पत्थर खदान लीज लेने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार वे संबंधित सभी पदाधिकारी को लिखित आवेदन देते हैं लेकिन पदाधिकारी द्वारा न्याय करने के बजाय ग्राम सभा द्वारा पत्थर उत्खनन के लिए सहमति प्रदान करने हेतु दबाव बनाया जाता है। ग्राम प्रधान का भी आरोप है कि उसने अंचल अधिकारी शिकारीपाड़ा से लिखित सूचना देकर कारवाई की मांग की थी, लेकिन मेरी एक बात नहीं सुनी जा रही है। इतना ही नहीं अंचल कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलकर माफिया तत्व रैयत से आठ बीघा जमीन लेकर उसका जाली कागज तैयार करते हुए उसकी सारी संपत्ति हड़प लेते है और उस जमीन पर पत्थर की खदानें संचालित की जाती है| इसका उदाहरण है सालबोना के एक आदिम जनजाति के ग्रामीण ने उपायुक्त दुमका के नाम आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है। मामले में बेना गढ़िया के वार्ड सदस्य ने ग्रामीण जनता का साथ दिया तथा अंचल अधिकारी कपिल देव ठाकुर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। वार्ड सदस्य मिलन शेख के अनुसार अंचल अधिकारी कपिल देव ठाकुर द्वारा किसी भी हालत में पत्थर उत्खनन के लिए ग्राम सभा की सहमति देने का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि काफी समय से ग्रामीण इसका विरोध करते आए हैं| बताया कि जिस जगह पर पत्थर खदान के लिए ग्राम सभा करने का दबाव बनाया जा रहा है वहां एक तरफ मस्जिद और दूसरी तरफ मंदिर के साथ-साथ विद्यालय हैं| घनी आबादी के बावजूद प्रशासन वहां पत्थर खदान खुलवाना चाह रहा है| ग्रामीण उग्र आंदोलन करने का मन बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि मामले में अंचलाधिकारी, शिकारीपाड़ा थाना, जिला खनन पदाधिकारी एवं उपायुक्त को आवेदन देकर न्याय की मांग की गई लेकिन किसी भी स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई|
Touphik Alam
Author: Touphik Alam

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