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संवैधानिक अधिकारों को जाने तेज करे संघर्ष – गीता मेनन

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जागता झारखंड संवाददाता राँची : शनिवार को एच आर डी सी हॉल में सोशल अवेयरनेस फॉर डेमोक्रेटिक आर्ट एंड रिसर्च के सहयोग से विभिन्न महिला संगठन जिसमें मुख्य रूप से नारी शक्ति क्लब संयुक्त महिला मोर्चा जावा नावों महिला उत्पीड़न विरोधी एवं विकास समिति झारखंड राज्य घरेलू कामगार महिला युनियन, रिटायर्ड महिला समिति तथा महुआ महिला मंच की संयुक्त आयोजन महिलाओं के हक जिसमें सरकारी योजनाओं चुनौती एवं दशा और दिशा विषय के अंतर्गत दो दिवसीय कार्यक्रम का आज पहला दिन सम्पन्न हुआ कार्यक्रम की शुरुआत प्रियशीला ने अपने क्रांतिकारी गीत से किया उसके बाद घरेलू महिला कामगार योजना की संगीता बेक ने कामगार महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा न विभिन्न लाभ दि जा रही लेकिन अभी भी इन योजनाएं में कमियां है कामगार उस का लाभ नहीं ले पा रहे है ।उसके बाद सावित्री बाई फुले योजना के बारे में अमृता तिग्गा तथा मनोनीत टोप्पो ने बात रखा किस तरह से उन्होंने कुछ स्कूलों का सर्वे किया जिससे पता चलता है कि यह योजना सिर्फ़ कागज़ पर है लेकिन कन्याएं इससे वंचित है या जिसको पता है इस योजना के बारे वो कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण इसका लाभ नहीं ले पाते है । इसके बाद निर्भया फंड में अर्पणा बाड़ा ने अपनी बात रखी उन्होंने बताया कि किस तरह से जिनके लिए राशि आवंटित होने के बाद भी वह इस राशि से कैसे वंचित हो जाते है।बहुत सारे निर्भया फंड के केसेस पेंडिंग है इस कारण से भी राशि नहीं मिल पाती है उसके बाद कुछ साथियों ने एकल महिला योजना के बारे बताया कि किस तरह से अविवाहित, विधवा महिला जिनके लिए यह योजना बनी है वो इस योजना में पेपर वर्क में गड़बड़ी के कारण लाभ नहीं मिल पाता है उसके बाद रिटायर्ड महिलाओं की स्थिति और समस्या पर मार्गरेट मिंज ने बताया कि किस तरह से वृद्ध रिटायर्ड महिलाओं को अपना पेंशन लेने में तकलीफ़ होती है और वह बढ़ते उम्र के कारण बैंक भी नहीं जा पाती हैं उनके परिवार के अन्य सदस्य बैंक जाके उनका पेंशन लेते है । बंगलौर से आई घरेलु कामगार महिला यूनियन की नेत्री गीता मेनन ने संविधान में निहित अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए बताया किस तरह मौजूदा केंद्र सरकार महिला और समाज के विभिन्न तबकों के अधिकारों को ख़त्म कर रही है उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि जब सरकार एक देश एक वोट की बात करती और उसी एक देश का एक पहचान पत्र आधार है लेकिन आधार में कई तकनीकी गलतियों के कारण महिलाएं उन विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाती है यह सरकार विभिन्न तरह की टैक्स लेती हैं लेकिन योजनाओं में आवंटित राशि भी जनता को दे नहीं पाती है। गीता जी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि हमें विभिन्न क़ानूनी पक्ष को जानना चाहिए और कोशिश होनी चाहिए कि हमें समस्याओं का खुद कानूनी पक्ष रखना होगा।उन्होंने अंत में सभी से एक मंच बना के डेटा पर काम करने की सलाह दी जो उन्हें काम करने में मदद करेगा आज के अंतिम सत्र को पुनीत मिंज ने संबोधित किया। उन्होंने दस्तावेजीकरण के इस्तेमाल और महत्व विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया किस तरह से दस्तावेजीकरण आज के दौर में जरूरी है और किस तरह से एक व्यक्ति या संगठन इसको बढ़िया से करके अपने बातों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते है । आज के कार्यक्रम में आए लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और अपने अनुभवों को आपस मे साझा किया।

Jagta Jharkhand
Author: Jagta Jharkhand

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