जागता झारखंड ब्यूरो पाकुड़: करीब तीन साल पहले सीतापहाड़ी गांव की सुखोमन बीबी ने कई सपनों के साथ संग्रामपुर के सेफात शेख के साथ शादी रचाई थी। दोनों की जिंदगी में दो प्यारी बच्चियों ने भी दस्तक दी। लेकिन वक़्त के साथ आपसी मतभेद इस कदर बढ़े कि रिश्ते में दरार आ गई। घर की खुशियों पर तकरार का साया मंडराने लगा। स्थिति इतनी बिगड़ी कि दोनों परिवारों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बीते कुछ महीनों में लगभग 10 बार पंचायतें बुलाई गईं, सुलह की कोशिशें हुईं, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया। अंततः थक-हारकर दोनों परिवारों ने तलाक का निर्णय ले लिया और अर्जी भी तैयार कर ली गई। इसी दौरान यह मामला समाजसेवी अजहर इस्लाम तक पहुंचा। इंसानियत और रिश्तों के मसीहा अजहर इस्लाम ने आगे बढ़कर दोनों पक्षों से बातचीत की। करीब तीन घंटे तक चली गहन बातचीत और समझाइश के बाद ना सिर्फ पति-पत्नी फिर से साथ आने को राजी हुए, बल्कि दोनों परिवारों ने भी एक-दूसरे को गले लगा लिया। अजहर इस्लाम ने दोनों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि रिश्तों को जोड़ना सबसे बड़ी सेवा है, और जब दो परिवार एक हो जाएं तो समाज में एक नई उम्मीद जगती है। आज सुखोमन और सेफात फिर से एक नई शुरुआत कर रहे हैं, इस पहल ने साबित कर दिया कि अगर चाह हो तो रिश्तों की दरार भी भरी जा सकती है।



