जागता झारखंड संवाददाता सिमडेगा
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड के जराकेल ग्राम के निवासी रतन बड़ाईक और उनके सहयोगी निरज केरकेट्टा ने एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने मानव तस्करी का शिकार हुई एक युवती को सकुशल घर भेजने में मदद की और उसके परिवार को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। युवती अमिशा तिर्की सिमडेगा जिले के ताराबोगा ग्राम की निवासी है। वह 2015 में मानव तस्करी का शिकार हुई थी और दिल्ली में बेची गई थी। जब रतन बड़ाईक और निरज केरकेट्टा को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और युवती को सकुशल घर भेजने के लिए काम किया। उनके प्रयासों से, युवती को दिल्ली सरकार के माध्यम से उसके काम का पूरा पैसा मिला। यह एक बड़ी उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि समाज में अभी भी अच्छे लोग हैं जो दूसरों की मदद करने के लिए तैयार हैं। रतन बड़ाईक और निरज केरकेट्टा को उनके इस अद्भुत कार्य के लिए बधाई देनी चाहिए। उनकी यह पहल समाज में एक सकारात्मक संदेश देगी और दूसरों को भी ऐसे कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।