जागता झारखंड संवाददाता राँची : सिद्धू–कान्हू पार्क में हुआ मजदूर विरोधी लेबर कोड की प्रति का दहन — झारखंड से गूँजा “लेबर कोड रद्द करो” का स्वरआज 30 जून 2025 को, हूल दिवस के अवसर पर रांची स्थित सिद्धू–कान्हू पार्क में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं स्वतंत्र फेडरेशनों के संयुक्त मंच द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मजदूर, कर्मचारी, किसानों के प्रतिनिधि, छात्र–युवा कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत 1855 के हूल विद्रोह के महान योद्धाओं सिद्धू–कान्हू और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। वक्ताओं ने हूल विद्रोह को साम्राज्यवाद विरोधी, जमींदारी विरोधी, कंपनी राज विरोधी पहला सशस्त्र जनविद्रोह बताते हुए कहा कि आज फिर से सत्ता और पूंजी के गठजोड़ के खिलाफ, श्रमिकों और किसानों को उसी आत्मबल और एकता की जरूरत है इसके बाद मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं की प्रतीकात्मक प्रतिलिपि को आग के हवाले किया गया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने “लेबर कोड रद्द करो”, “मजदूर–किसान एकता ज़िंदाबाद” के नारों के साथ समर्थन दिया। वक्ताओं ने कहा कि यह श्रम संहिताएं मज़दूरों को उनके ऐतिहासिक अधिकारों से वंचित कर, पूंजीपतियों के मुनाफे को संरक्षण देती हैं — यह एक नई औपनिवेशिक गुलामी थोपने का प्रयास है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने दोहराया कि यह केवल कानून का दहन नहीं, बल्कि एक व्यापक आन्दोलन की चेतावनी है। यह संघर्ष हूल विद्रोह की विरासत को आगे ले जाने का प्रयास है, जिसमें आदिवासी जनता, श्रमिक वर्ग और किसान एकजुट होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का प्रतिकार कर रहे हैं
कार्यक्रम में 9 जुलाई 2025 को प्रस्तावित देशव्यापी मजदूर हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम को एक्टू के शुभेंदु सेन, मोहन दत्ता, सीटू के अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, एटक के सच्चिदानंद मिश्रा, किसान सभा के सुखनाथ लोहरा, बीरेंद्र कुमार, बेफी के केआर चौधरी ने संबोधित किया।
हूल विद्रोह अमर रहे!
मजदूर–किसान एकता ज़िंदाबाद!
लेबर कोड रद्द करो! प्रतीक मिश्र
ट्रेड यूनियन संयुक्त मंच, रांची
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