
जागता झारखंड संवाददाता बजरंग कुमार महतो घाघरा*झारखंड सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री पशुधन योजना में घाघरा में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है । अच्छे नस्ल के पशु नहीं देकर लाभुकों के बीच कमजोर पशुओं का वितरण किया जा रहा है ।अनुदान पर मिलता है किसानों को पशु । बता दें कि किसानों की आर्थिक स्थित सुधारने के लिए झारखंड सरकार मुख्यमंत्री पशुधन योजना चला रही है। योजना के तहत पशुपालकों और लाभुकों को सरकारी अनुदान पर पशु देकर उन्हें रोजगार दिया जा रहा है । लेकिन घाघरा में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगी है। मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत घाघरा प्रखंड में लाभुकों को अच्छी नस्ल की सुकर न देकर कमजोर नस्ल की सुकर का वितरण किया जा रहा है । कागज में हेराफेरी कर सरकारी राशि की बंदरबांट की जा रही है । कुछ लाभुकों ने शिकायत की है कि उन्हें जिस सुकर के साथ प्रखंड कार्यालय के प्रांगण में तस्वीर ली गई थी वह सुकर नहीं दी गई ।*लाभुक निर्मला उरांव ने कहा*घाघरा निवासी लाभुक निर्मला उरांव का कहना है कि प्रखंड कार्यालय परिसर में बड़े-बड़े सुकर के साथ उनका फोटो ले लिया गया और छोटे-छोटे एवं बीमार सुकर को घर में उतार दिया गया । जिसकी शिकायत लाभुक के द्वारा पशुपालन पदाधिकारी सीमा का को किया गया था। जिस पर पशुपालन पदाधिकारी सीमा एक्का के द्वारा उक्त बीमार शूकर को बदलकर नए शूकर देने की बात कही गई थी । लेकिन बदलने से पहले ही दो सुकर की मृत्यु मिलने के दो दिन बाद ही हो गई ।साथ ही लाभुक निर्मला उरांव ने बतायी कि उनके द्वारा इस योजना को लेने के लिए 14400 का भुगतान भी किया गया है । विभाग द्वारा छोटे एवं बीमार सुकर मिलने तथा उनके मर जाने से निर्मला उरांव अपने आप को ठगी महसूस कर रही है ।*लाभुक नीमा देवी ने कहा*घाघरा निवासी लाभुक नीमा देवी ने पशुपालन विभाग से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत सुकर लेने के लिए उनके द्वारा 1 वर्ष पूर्व ही 14400 की राशि का भुगतान किया गया था । 1 वर्ष बाद उन्हें सुकर तो मिला परंतु छोटे एवं बीमार सुकर मिला है । अभी तक उनकी कोई क्षति नहीं हुई है परंतु एक सुकर जब से लाया गया है तब से कुछ नहीं खा पी रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि दूध पीने वाले बच्चे सुकर को ही लाभुक को वितरित कर दिया गया है ।*लाभुक विनीता देवी ने कहा*दोदांग निवासी लाभुक विनीता देवी का कहना है कि विभाग के द्वारा दूध पीने वाला सुकर मिला था। जिसके कारण हमारा एक सुकर मर गया ।*सभी वितरित शूकर को वापस कर पुनः वितरण किया जाएगा दूसरा शूकर – सीमा एक्का*प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ सीमा एक्का से बात किए जाने पर उन्होंने कहा कि गाड़ी का डाला लगे होने के कारण वह पशु को देखने नहीं पाई अगर पशु मर गया है और पशु कमजोर है तो वितरित सभी शूकर को वापस कर उसके बदले लाभुको को नए सिरे से पुनः शूकर वितरण किया जाएगा।*भ्रष्टाचार से योजना की साख पर सवाल*मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का उद्देश्य पशुपालकों की आय बढ़ाना और रोजगार देना था, लेकिन घाघरा में इसे भ्रष्टाचार और अनियमितता ने कमजोर कर दिया है। कागजी हेराफेरी कर लाभुकों को कमजोर पशु देने और सरकारी राशि की बंदरबांट का आरोप लग रहा है। अब यह देखना होगा कि विभाग इस घोटाले पर क्या कार्रवाई करता है और किसानों को उनका हक कैसे मिलता है

