जागता झारखंड ब्यूरो चीफ मीर उबैद उल्लाह लोहरदगा : शनिवार को जिला में आसमान से आफत बरसी है। लगातार दो तीन में जमकर ओलावृष्टि हुई है और बड़े-बड़े ओले पड़े हैं। जिसकी वजह से काफी नुकसान पहुंचा है ना सिर्फ आम जिंदगी, बल्कि लोगों के घरों और खेती को भी नुकसान हुआ है। जिला के सभी क्षेत्रों से नुकसान की खबर है।
विगत 24 घंटे के अंदर दूसरी बार हुई ओलावृष्टी और बेमौसम हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई है। शहर से लेकर गांव और पहाड़ी इलाकों में भी जमकर ओलावृष्टि हुई है।तेज गर्जन और आंधी-तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि में काफी नुकसान हो रहा है।
लोहरदगा शहर में अचानक कालेे बादलों ने घेर लिया और फिर शुरु हुई जबरदस्त ओलावृष्टि । भारी बारिश के साथ बर्फ के बड़े-बड़े गोले गिरे । शहर की तमाम सड़कें बर्फ के गोलों से भर गई । कच्चे और खपरैल मकानों के तो छप्परों को भारी नुकसान पहुंचा । बताया जा रहा है कि कई गाड़ियों के शिशे भी टूटे । स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्होंने अपने जीवन में इतनी ओलावृष्टि नहीं देखी ।
लोगों को याद आए मनाली और शिमला
कई इलाकों में तो आधा फीट मोटी बर्फ की चादर बिछ गई । बताया जा रहा है की ढाई-ढाई सौ ग्राम तक के बर्फ के गोले आसमान से गिरे । लोगों को इतनी बर्फ देख कश्मीर और मनाली जैसे हिल स्टेशन की याद आने लगी ।
किसानों के निकल गए आंसू एक तरफ शहर के लोग इस बर्फ को देख आनंदित हो रहे थे वहीं दूसरी ओर किसानों के आंसू निकल गए । खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई । खासतौर से गेहूं और सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा । दो दिनों से लगातार हुई बारिश और ओलावृष्टि से जहां किसानों के खेतों में पानी तो पहुंचा लेकिन खड़ी फसलें बर्बाद हो गई ।इस मामले में लोहरदगा उपायुक्त डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने जिला कृषि विभाग, प्रखंड के अंचलाधिकारी और आपदा प्रबंधन विभाग को ओलावृष्टि से हुई नुकसान का जायजा लेने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही प्रभावित परिवार को त्वरित राहत पहुंचाने का दिशा निर्देश दिया है। ईटीवी भारत को फोन पर दी गई जानकारी में डीसी ने कहा है कि सभी स्थानों पर कैंप लगाकर प्रभावित किसानों से आवेदन लेने को कहा गया है।






