काठीकुण्ड प्रखण्ड प्रमुख विमला निपु सोरेन ने कहा बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होने से फल फूल रहा बालू का अवैध कारोबार

हाबिल हेम्बरम जागता झारखंड दुमका ब्यूरो

काठीकुण्ड/दुमका । सीमावर्ती क्षेत्रों के अन्य घाटों में अवैध बालू खनन करने वालों की बालू के रूप में चांदी की कमाई कर रहे। बालू माफिया को ना ही प्रशासन से ना ही उच्च अधिकारी से डर लगता है।
काठीकुण्ड प्रखण्ड प्रमुख विमला निपु सोरेन ने किया कहा

जहाँ एक ओर जिला प्रशासन अवैध खनन के प्रति सख्त है, वहीं काठीकुण्ड थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली नदियों में धड़ल्ले से दिन के उजाले में बालू का अवैध खनन जोरों पर है। खनन माफियाओं के नेटवर्क के आगे प्रशासन नाकाम साबित हो रही है। काठीकुण्ड थाना क्षेत्र में नदियों से बालू के खनन पर रोक लगे रहने के बावजूद बालू माफियाओं द्वारा नियम को ताक पर रखकर खनन का धंधा बेरोकटोक जारी है। जिस वजह से इन दिनों अवैध खनन का कारोबार करने वाले लोग प्रवाहित मुसनिया नदी ,ब्राहमणी नदी के झिलमिली नदी के बालू को बेच कर मालामाल हो रहे हैं। बालू माफिया दिन मे घूमकर जरुरतमंदों से भाव तय कर हजारों रुपया में प्रति ट्रॉली बालू बेच रहे हैं। प्रतिदिन अहले सुबह से ही अवैध खनन का खेल चलता रहता है। खनन करने वाले माफियाओं के पास खुद की ट्रैक्टर-ट्राली है। काठीकुण्ड प्रखण्ड क्षेत्रों में 100 से भी अधिक ट्रैक्टर है, आप अंदाजा लगा सकते हैं राजस्व की नुकसान प्रतिदिन कितनी हो रही होगी जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गयी तो नदी बचेगा भी नहीं,गौरतलब है कि नदियों से अवैध खनन से नदी का रुख लगातार बदलते जा रही है।  वहीं नदियों से सटे हुए ग्रामीणों के सिर पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस थाने भी बनाए गए हैं। साथ ही तरह-तरह के एजेंसी भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। उसके बावजूद काठीकुण्ड थाना क्षेत्रों के सीमावर्ती क्षेत्रों के अन्य घाटों में अवैध बालू खनन करने वालों की बालू के रूप में चांदी कटाई हो रही है। बिना लागत के अवैध बालू खनन से अवैध कारोबारी मालामाल हो रहे हैं। ग्रामीणों में दबंग बालू माफियाओं का इतना भय है कि अवैध बालू उठाने वालों के खिलाफ कोई आवाज तक नहीं उठा पाते है। जिससे अब तो वे खुलेआम दिन के उजाले में बालू का अवैध खनन करते हैं जिसके बाद सड़क बनाने और ईंट बनाने वाली बड़े बड़े ठेकेदार के द्वारा निर्माण एजेंसियों को बेच दिया जाता है। बेचकर वह अपना तो काम कर लेते हैं परंतु वहां के स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत छोड़ कर चले जाते हैं। बालू कारोबारियों के द्वारा प्रत्येक दिन और रात नदी से अवैध खनन कर बालू का उठाव किया जाता है। ऐसे में नदी से अवैध बालू उठाव के कारण सरकार को भारी राजस्व की क्षती भी पहुंच रही है। सरकार को जल्द बंदोबस्त कर देना चाहिए था पर लापरवाही बरती जा रही है।

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