राजकुमार भगत जागता झारखंड संवाददाता
पाकुड़। पाकुड़ शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में ईद उल फितर का त्योहार शनीवार को चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच शांति व सौहाद्रपूर्ण वातावरण में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।लोग नये कपड़े पहनकर ईदगाह व मस्जिदों में पहुंचे नमाज अदा की देश व समाज के लिए अमन चैन की दुआएं मांगी।शहर के तांतीपाड़ा, हरिणडांगा के मस्जिदों के अलावा तथा ग्रामीण क्षेत्र के चेंगाडांगा, संग्रामपुर, रहसपुर,तारानगर,इलामी,ईशाकपुर,झिकरहाटी,सीतापहाड़ी,तिलभीटटा,चांचकी ,अंजना,पृथ्वीनगर,भवानीपुर आदि ईदगाहों में ईद उल फितर का नमाज अता किया गया। उक्त ईदगाहों में मौलवी व मौलाना ने अपने रीति रिवाज एवं परंपरा के अनुसार नमाज अता की। मौलाना अंजर कासमी ने बताया कि धैर्य और सौहार्द का नाम ही ईद है।पवित्र रमजान माह में पूरे धैर्य के साथ धार्मिक नियमों का पालन करते हुए प्रतिदिन रोजा रखना धैर्य ही है।इस त्याग और बलिदान के पश्चात ही महीने के प्रथम दिन ईदगाह में नमाज अदा कर हम ईद की खुशियां मनाते रहे हैं।चेंगाडांगा जुम्मा मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती मजीबुर रहमान मजहारी ने कहा कि ईद का दिन गले लगाने का दिन है।. मिलने- मिलाने का दिन है। गरीबों, यतीमों और जरूरतमंदों की खबरगिरी का दिन है। ईद के दिन मुसलमान शुक्राना अदा करने के लिए ईदगाह जाते हैं। अल्लाह की तरफ से रोजेदारों को ईनाम और इकराम से नवाजा जाता है। ये त्योहार खुदा की तरफ से दी गयी है। मुसलमानों को चाहिए कि ईद बड़ी सादगी और भाई चारे के साथ शांतिपूर्ण वातावरण में मनाएं। खुशदिली का मुजाइरह करें और अपने हमवतन भाइयों और दूसरे धर्म वालों को भी अपनी खुशी में शामिल करें। ईद का त्योहार अमन, शांति और भाईचारा का पैगाम देता है। हम सबको अच्छाई की रास्ते पर चलना चाहिए।