आपके कर्म ही आपके जीवन का रास्ता तय करते है,इसलिए हमेशा सत्कर्म करने का प्रयास करें – महात्मा विलक्षणानंद जी
आज युवाओं में मां-बाप प्रति सद्भावना एवं ईश्वर के प्रति प्रेम का रूप बदल रहा है,मां-बाप ही इस जगत के जीते जागते साक्षात भगवान है – साध्वी देवहूति बाई
जागता झारखण्ड संवाददाता दुमका सुधांशु शेखर
जामा प्रखंड क्षेत्र के लगला पंचायत अंतर्गत मेघुवा गांव में शनिवार की रात्रि में एक दिवसीय सद्भावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया।
आयोजन के दौरान मानव उत्थान सेवा समिति नोनीहाट के चंपातरी आश्रम से आए महात्मा विलक्षणानंद, महात्मा चंद्र केशवानंद,साध्वी भद्रा बाई,साध्वी देवहूति बाई के द्वारा अमृतमय भजन कीर्तन व प्रवचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित भगवत भक्तों को संबोधित करते हुए साध्वी भद्रा बाई ने कहा कि जर्रे जर्रे में भगवान का वास है,जिसे उन्होंने भजन के माध्यम से भी समझाने का प्रयास किया कि कण-कण में ईश्वर का वास है इसे जाने और अपने जीवन में उतारें। कहा कि जिनके जीवन में सत्संग है उनके जीवन में आनंद ही आनंद है। बताया कि महापुरुषों के बताए हुए मार्ग पर चलने का प्रयास करें जिससे आपके जीवन में शांति आए जिससे आप आनंददाई जीवन जी सकें।
कार्यक्रम के दौरान महात्मा विलक्षणानंद ने भगवत भक्तों को समझाने का प्रयास किया कि आपके कर्म ही आपके जीवन का रास्ता तय करते है इसलिए हमेशा सत्कर्म करने का प्रयास करें। कहा आपकी भावना में ही आपका सुख दुख छुपा हुआ है। आप अपने मन को सद्भावना की ओर ले जाने का प्रयास करें,जिससे जीवन में आने वाले दुखदाई कष्टों से आप दूर रह सके। इस दौरान तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली भजन के माध्यम से समझाने का प्रयास किया कि आपके दरवाजे में आए,कोई भी दीन दु:खी भूखे लौट कर ना जाए, ऐसी स्थिति में मानव सेवा की प्रयास करें,मानव ही ईश्वर का रूप है इसलिए सद्भावना पूर्ण विचार से मानव की सेवा करें।
वहीं साध्वी देवहूति बाई ने अपने प्रवचन के दौरान समझाने का प्रयास किया कि मां-बाप ही इस जगत के जीते जागते साक्षात भगवान है इसे अपने अंदर झांकने का प्रयास करें, जीवन में आनंद आएगा। कहा कि आज के बदलते समय में युवाओं में मां-बाप प्रति सद्भावना एवं ईश्वर के प्रति प्रेम का रूप बदल रहा है, जिससे घर परिवार में एक दूसरे से लगाव घट रहा है। कहा कि अपने अंदर सद्भावना जगाएं सत्संग में जाएं सत्संग में ही जीवन का सार तत्व छुपा हुआ है। इसे अपने जीवन में आत्मसात करें और जीवन का कल्याण करें।
महात्मा चंद्र केशवानंद जी महाराज ने संघर्ष को लेकर कहा कि संघर्ष ही जीवन है और जीवन की सच्चाई यही है, इसलिए आप जिस भी रास्ते में चल कर जीवन गुजारते हैं वहां संघर्ष जारी रखें| कहा जिस प्रकार सोना आग में संघर्ष कर अपना महत्व बढ़ाता है, इससे हम सबको सीख लेने की जरूरत है। जब तक संघर्ष नहीं होगा तब तक कामयाबी नहीं मिल सकती। कहा कि आज जिसने भी कामयाबी हासिल की है उनके पीछे संघर्ष छुपा हुआ है,इसे जाने।
जिस प्रकार देश के रक्षक वीर सपूत संघर्ष करते हैं तो हम यहां चैन की नींद सो पाते हैं ठीक उसी तरह अपने माता-पिता के संघर्ष से ही आपका हर सुख चैन मिल पाया है। इसलिए उनके संघर्ष को भूले नहीं बल्कि आदर व सम्मान करें। कहा कि आप की भूमिका ही जिम्मेदारी तय करती है इसलिए आप हमेशा जीवन में अधिक से अधिक जिम्मेवारी लेने का प्रयास करें, जिससे घर परिवार एवं समाज में अपने साथ-साथ अपने माता-पिता कुल परिवार का नाम रोशन कर सकें। जिससे आप समाज के लिए पूज्यनीय बन सकें। कहा कि आज जिनकी भी पूजा होती है, उनके जीवन के पीछे कहीं ना कहीं संघर्ष छुपा हुआ है उनका संघर्ष ही मुकाम तक उन्हें पहुंचाया है। उनकी जीवनी अध्ययन करें और जीवन में उतारे, जिससे आप कामयाब हो सके।
कार्यक्रम में मेघुवा गांव के धीरेंद्र दास,संतोष दास,राम कुमार दास, सिकंदर दास,डॉक्टर दास,जियनधारी दास,सुखदेव दास,परमेश्वर दास, विजय लायक सहित अन्य ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई।
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