धरना प्रदर्शन बनता जा रहा है विकास की राह पर रोड़ा

प्रीतम सिंह यादव जागता झारखंड संवाददाता।

पाकुड़। हेमंत सरकार में सिर्फ धरना प्रदर्शन ही हो रहा है, जहां एक ओर सरकार और सरकार के मंत्री विकास का दावा कर रहे है, वहीं अपनी मांगों को लेकर सरकार के ही कर्मचारी धरना प्रदर्शन में बैठे है। वैसे तो जन सेवक लगातार आज 21 वा दिन अपनी जायज मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में धरने में बैठे है, वहीं कल से जल सहिया भी अपनी 50 माह का मानदेय को लेकर धरने पर बैठ गई।जनसेवकों के हड़ताल के आज 21 दिन बीत जाने के पश्चात् भी आज तक किसी ने इनकी सुध नहीं ली है! जनसेवक संघ के मीडिया प्रभारी फ़ख़रे आज़म ने बताया कि सरकार के इस दमनकारी रवैये के विरोध में 31 मई को राजधानी में एक न्याय यात्रा निकाली जाएगी,जो शालीमार बाजार धुर्वा से गोल चक्कर होते होए प्रोजेक्ट भवन तक जाएगी साथ ही प्रोजेक्ट भवन के सामने महा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।जिसमें झारखंड राज्य के सभी जिलों/ प्रखण्डों के लगभग 1600 जनसेवकों उपस्थित रहने की संभावना है! जनसेवक संवर्ग के हड़ताल के कारण सरकार की सभी विकास योजनाओं में बाधा आ रही है।विदित हो कि जनसेवक कृषि के साथ साथ अन्य सभी विभागों के कार्य भी करते हैं और पर्यवेक्षीय पदों पर आसीन हैं।ऐसे में उनके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से सभी प्रखंडों में विकास कार्य एवं आवश्यक सेवा के कार्य ठप पड़ गए हैं।जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है, जिसके कारण सभी प्रखंडों में आसपास सहित दूर दराज गांव से पहुंच रहे ग्रामीण कार्यालय बंद अथवा संबंधित के नहीं होने के कारण काम नहीं होने के बाद निराश घर लौट रहे हैं।आपूर्ति अंतर्गत राशन कार्ड निर्माण, सुधार, और खाद्यान्न वितरण प्रभावित हो रहा है।
सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत वृद्धा पेंशन, विधवा, दिव्यांग पेंशन, का कार्य प्रभावित हुआ है। बुज़ुर्ग इस भीषण गर्मी में असहाय होकर कार्यालयों से वापस हो रहे हैं।
KCC, कृषि ऋण माफी योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना,मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना जैसी कृषि और किसान हित की योजनाएं पूर्णतः ठप पड़ गई हैं।खरीफ के लिए KCC का लक्ष्य प्रखंडवार निर्धारित है जिसे पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा।
सभी मिट्टी जांच केंद्र बंद पड़े हैं।
सांख्यिकी समेत पंचायतों का कई कार्य प्रभावित हो गया है। मालूम हो कि झारखंड सरकार द्वारा ग्रेड पे घटा देने के कारण सरकार के खिलाफ जनसेवक अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर बैठे हैं। ऐसे में कई विभागों का कार्य ठप पड़ गया है। अगर इसी तरह से जन सेवकों का हड़ताल चलता रहा तो आगामी आने वाला खरीफ फसल योजनाओं का कार्य प्रभावित होगा एवं समय पर किसानों को बीज उपलब्ध करवाना भी मुश्किल होगा।
साथी ही प्रखंडों के सभी विकास कार्यों सहित जिला के कार्यालय भी क्षमता अनुरूप कार्य नहीं कर पायेंगे। मौके पर जनसेवक संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार, सचिव त्रिदीप शील, उपाध्यक्ष ताराशीष मित्रा, कोषध्यक्ष अनंत साहा सहित बड़ी संख्या में जनसेवक उपस्थित थे! अब सवाल ये है की कैसे होगा राज्य का विकास, जब इसी तरह धरना प्रदर्शन होते रहेंगे। यह एक सोचनीय बिंदु है, और सरकार को इस पर गहन चिंतन करने की जरूरत है। अगर इसी प्रकार चलता रहा तो वो दिन दूर नही है, जब सरकार के कार्य टप होते दिखेंगे और बेचारे लाचार जनता को रोने के सिभा कुछ नही मिलेगा।

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