बताए जा रहे लार्वा की पहचान कर नष्ट करने के तरीके
उपायुक्त ने कहा डेंगू के व मलेरिया के खात्मे को लेकर विभाग गंभीर पर आम लोगों की सतर्कता जरूरी
जागता झारखंड ब्यूरो।
पाकुड़। जिले के शहरी क्षेत्र के सभी वार्डों में डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव को लेकर वॉलेटियर्स द्वारा लार्वा की पहचान कर नष्ट करने के तरीके बताए जा रहे है. जिला भी.बी.डी पदाधिकारी डॉ. अमित ने बताया कि राज्य से प्राप्त निर्देशानुसार कम्युनिटी वॉलिंटियर्स के दल के द्वारा शहर के सभी वार्डों में डोर टू डोर एडीज लारवा सर्वे एक जुलाई से प्रारंभ किया गया है। माॅनसून के दौरान एवं मॉनसून के पश्चात मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से होने वाली विभिन्न बीमारियों (यथा – डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, जेई एवं फाइलेरिया आदि) के प्रसरण काल के अंतर्गत अर्थात् माह जुलाई से माह नवंबर 2023 तक ये सभी कम्युनिटी वॉलिंटियर्स कार्ययोजना के अनुसार पाकुड़ जिला के शहरी क्षेत्रों के विभिन्न वार्डों के अंतर्गत घर-घर जाकर लोगों को इनसे बचने और रोकथाम के उपाय आदि बताकर जागरुक करेंगी। साथ ही मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान कर लोगों को इसे सप्ताह में एक बार नष्ट करने हेतु बताया जा रहा है, ताकि सभी जनसमुदाय इसे अपनाकर मच्छरों तथा इससे होने वाली बीमारियों से बच सकें।
इसके अलावे जल-जमाव वाले क्षेत्रों, जैसे छोटे-छोटे गड्ढों, नली-नालों, अनुपयुक्त बर्तनों आदि में जमे पानी में पनपे हुए मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने हेतु कीटनाशक दवा का भी छिड़काव किया जाएगा, ठहरे हुए या जमें हुए पानी को सुखाने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा तथा बर्तन में जमे हुए काई को रगड़ कर साफ़ कर इसमें पनपे हुए मच्छरों के अंडे को पहचान कर नष्ट करने हेतु बताया जा रहा है। ताकि इन अंडों से मच्छर नहीं पनप सकें। इसके अतिरिक्त कम्युनिटी वॉलिंटियर्स एवं छिड़काव दल द्वारा लोगों को मच्छरों से बचने के विभिन्न उपायों के अंतर्गत जागरूक किया जाएगा.
उपायुक्त वरूण रंजन ने कहा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव के लिए सजग एवं सतर्क है। उन्होंने कहा कि डेंगू के खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से गंभीर एवं प्रयासरत है फिर भी आमजन की सतर्कता बेहद जरूरी है। सभी लोग सप्ताह में एक दिन ड्राई डे के रूप में मनाएं, इस दिन घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसे जरूर साफ करें, क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडिज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर में प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें, एसी के साफ एकत्रित पानी में भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर पैदा होते हैं जिस पानी को निकालना संभव न हो उसमें काला तेल या डीजल डाल सकते हैं जिससे मच्छरों की उत्पत्ति न होने पाए।
बचाव के उपाय
मलेरिया एवं डेंगू/ चिकनगुनिया फैलाने वाली एनोफिलीस एवं एडिस मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं। इसलिए पानी के बर्तनों, पानी की टंकी आदि को हमेशा ढक कर रखें। घर के आसपास सफाई रखें। जब भी सोएं, मच्छरदानी के अंदर ही सोए। एडिस मच्छर हमेशा दिन के समय और प्राय: शरीर के निचले हिस्से में काटते हैं। इसलिए दिन में भी पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। डेंगू/ चिकनगुनिया बुखार के उपचार की कोई विशेष दवा नहीं है। अगर डेंगू/ चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। मच्छरों से बचाव के लिए घर की खिड़की तथा दरवाजों पर जाली लगवाएं। कहीं भी ना हो जलजमाव, तभी होगा मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव। इसके लिए घर के आसपास या छत पर प्रयोग में नहीं आने वाले बर्तन, टायर इत्यादि नहीं रखे एवं घर में कूलर, बाल्टी, फूलदान में पानी जमा नहीं होने दें। इसे प्रत्येक सप्ताह बदल दें। पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें। टूटे हुए बर्तन, प्रयोग में नहीं आने वाली बोतल, टीन, बेकार के टायरों आदि को जमा नहीं रखें, क्योंकि बारिश के मौसम में इन्हीं में पानी जमा होता है, जिनमें एनोफिलिस एवं एडिस मच्छर पनपते हैं जो बाद में संक्रमित होकर मलेरिया एवं डेंगू/ चिकनगुनिया जैसी बीमारी को फैलाते हैं। बुखार होने पर उसे अनदेखा नहीं करें, तेज बुखार जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द को अनदेखा ना करें या डेंगू चिकनगुनिया हो सकता है। ये लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.जन-जन में स्वच्छता का संदेश फैलाएं, पाकुड़ जिले से मलेरिया, डेंगू/ चिकनगुनिया को दूर भगाएं।