कालाजार छिड़काव कार्यक्रम को लेकर जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने किया रवाना

सौरभ भगत जागता झारखंड संवाददाता।

अमडा़पाडा़-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर अंतर्गत जामुगडिंया पंचायत के बरनडिहा़ गांव में मंगलवार को आईआरएस कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया। जिसका शुभारंभ प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार देवेश द्विवेदी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रेम कुमार मरांडी ने हरी झंडी दिखाकर किया। वहीं छिड़काव शुरू होने से पहले लोगों को कालाजार के बारे में जानकारी दी गई।ओर जानकारी हेतु रैली निकाली गई। यह रैली प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार देवेश द्विवेदी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रेम कुमार मरांडी ने हरी झंडी देखा कर जागरूकता रैली निकाला।सब लोगों के मुंह में एक ही नारा रहा। हमने यह ठाना है कालाजार को दूर भगाना है। जन जन का नारा है कालाजार को दूर भगाना है।आदि जैसे नारों से ग्रामीणों को जागरूक किया गया।छिड़काव का निरीक्षण एमटीएस जुतिन मुर्मू ओर एसएफडब्ल्यू जाकिर हुसैन ने किया।जिसमें एमपीडब्ल्यू संजीव कुमार एवं लखीराम टुडू ने बताया कि कालाजार एक घातक बीमारी है जो कि बालू मक्खी से फैलता है। बालू मक्खी को मारने के मकसद से साल में दो बार कीटनाशक छिड़काव किया जाता है। बालू मक्खी घर के अंदर शौचालय में चूहे के बिल में नमी वाले जगह फटी दीवार गौशाला एवं जहां सूरज की रोशनी नहीं पड़ती है वैसी जगह पर बालू मक्खी पनपनाते हैं बालू मक्खी ज्यादा दूर तक नहीं उड़ पाते हैं। इसलिए वह दीवार पर ही चलते हैं। दीवार पर सेंथेटिक पैराथराइट कीटनाशक दवा लगाए जाते हैं। तो इसका प्रभाव 75 दिन तक रहता है। छिड़काव होने के कम से कम 75 दिन तक दीवार की रंगाई पुताई नहीं करनी चाहिए। वहीं एसएफडब्ल्यू जाकिर हुसैन ने बताया कि अमडा़पाडा़ प्रखंड के कुल 80 कालाजार प्रभावित गांव में सिंथेटिक पायरेथ्राइड 5% नामक कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है। यह अभियान 1अगस्त से 18 सितंबर 2023 तक चलाया जाएगा। उन्होंने बताया की घर के सभी कमरों में दवाई छिड़काव करने से बालू मक्खी एवं मच्छर मर जाती है। जिसमें कालाजार रोगी से 80% तक की कमी जा सकती है। सुभाषटीन मरांडी ने बताया कि 2022 में 8 बीएल ओर 8 पीकेडीएल एवं 2023 में 2 बीएल ओर 1 पीकेडीएल कालाजार रोगी का ईलाज किया गया।
सरकार की ओर से कालाजार रोगी को श्रम श्रतिपूर्ति राशि बीएल रोगी को 6600 रुपए एवं टीकेडीएल रोगी को 4000 की श्रम श्रतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। साथ ही बीएल रोगी को पहुंचाने वाले एक सहचर को 500 रूपए आने जाने की सहायता राशि प्रदान की जाती है। एमपीडब्ल्यू लखीराम टुडू एवं सुभाषटीन मुर्मू एसएफडब्ल्यु जाकिर हुसैन द्वारा सभी ग्रामीणों से अपील की गई कि वह घर के सभी कमरों में पूर्ण छिड़काव करें ताकि कालाजार एवं मलेरिया जैसे घातक बीमारी से बचा जा सके। इस अभियान में प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार देवेश द्विवेदी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रेम कुमार मरांडी,एमपीडब्ल्यू सुभाषटीन मरांडी, जगदीश मुर्मू,एसएफडब्ल्यू जाकिर हुसैन,एमटीएस जुतिन मुर्मू सहित आदि उपस्थित थे।

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