जागता झारखंड ब्यूरो, साहिबगंज।
हमारे आसपास रहने वाले तमाम बच्चों को एक स्वस्थ जीवन जीने का हक है | शुरुआती दौर में ही बच्चों के साथ की गई कोई भी छोटी सी छोटी लैंगिक अपराध की घटना उनके मन – मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती है | बच्चों को ऐसी कुंठाओं और लैंगिक अपराधों से बचने के लिए सभी हित धारकों को अपनी- अपनी जिम्मेदारी निभाकर बच्चों को जागरूक किया जाए जिससे बच्चे निसंकोच अपने माता-पिता को बताएं और माता-पिता का फर्ज है कि ग्राम स्तर पर जो भी लोग जिम्मेदार व्यक्ति हैं उनको बताएं और पुलिस का फर्ज है कि जैसे ही ऐसा कोई मामला संज्ञान में है एकदम तत्परता दिखाते हुए उसे मामले में जो भी उचित कानूनी कार्रवाई हो वह करना सुनिश्चित करें | उपर्युक्त बातें रविवार को इस कार्यशाला के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज के अध्यक्ष अखिल कुमार ने आज सिदो-कान्हू सभागार में आयोजित जिलास्तरीय पोक्सो एवं अन्य अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन पर बहु हितधारकों के लिए आयोजित कार्यशाला में कहीं ।
उन्होंने कहा कि आज विश्व भर में बच्चों के प्रति लैंगिक अपराध का चलन बहुत तेजी से बढकर चेतवानी का रूप ले चूका है | भारत में विश्व के कुल बच्चों की सबसे ज्यादा जनसंख्या रहती है और अन्य देशों की तुलना में भारत में बच्चों के प्रति ज्यादा लैंगिक अपराध ज्यादा होते हैं परंतु मामले कम प्रकाश में आते हैं | इसके कारण सामाजिक ताना-बाना, शिक्षा का स्तर और बहुत से कारण हैं | जो भी बहुत कम मामले रिपोर्ट हो पाते हैं उनकी संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है इसका अर्थ बच्चों के प्रति लैंगिक अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है | सभी हित धारक को अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से पता होनी चाहिए कि उनका क्या रोल है | उनके माता-पिता को सबको जागरूक करें |
आज स्थिति भारत में यह है कि हर तीन में से एक बच्चा किसी ने किसी रूप में कभी ना कभी यौन अपराध से पीड़ित हुआ है भले वह मामला रिपोर्ट हो या ना हो । आज सबसे ज्यादा जरूरत है कि बच्चों को जागरूक किया जाए कि किसी भी तरह का कोई अपराध हो तो उसे नि:संकोच अपने माता-पिता को बताएं माता-पिता का फर्ज है कि ग्राम स्तर पर जो भी लोग जिम्मेदार व्यक्ति हैं उनको बताएं और पुलिस का फर्ज है कि जैसे ही ऐसा कोई मामला संज्ञान में आये एकदम तत्परता दिखाते हुए उसे मामले में जो भी उचित कानूनी कार्रवाई हो वह करना सुनिश्चित करें |
उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामले में बच्चों के प्रति किए गए अपराधों में अपराधी कोई आसपास का आदमी होता है, कोई परिवार का ही लोग होता है या कोई बहुत नजदीकी होता है तो जरूरत है कि ऐसे मामलों को चिन्हीत करके दंड दिलवाया जाए ताकि समाज में यह मैसेज जाए कि अपराधी को घन घोर सजा मिली है |
उपायुक्त हेमंत सती ने कहा की बदलते हुए परिवेश में हमारे जो विधि निर्माता हैं उनके द्वारा इसकी गंभीरता को महसूस कर यह एक्ट पारित किया गया जो अपराधियों के घातक हैं | उन्होंने कहा कि पीड़िता जिसके साथ गलत कार्य हुआ है । न्याय दिलवाने के साथ ही उसका रिहैबिलिटेशन भी जरूरी है जिससे वह सोसाइटी में आत्म सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सके |
आरक्षी अधिक्षक कुमार गौरव ने अपने पुलिस अधिकारियों को पोक्सो एक्ट या सेक्सुअल ऑफेंसेस में बेहतर अनुसंधान करने के बारे में कहा |
जिला न्यायाधीश सह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश- तृतीय सह पोस्को अधिनियम बिरेन्द्र श्रीवास्तव ने उपस्थित हितधारकों को विस्तृत रूप से पोस्को अधिनियम के विषय पर जानकारी दी |
कार्यशाला में जिला न्यायाधीश (प्रथम) धीरज कुमार, , सीजेएम धर्मेन्द्र कुमार, , एसडीजेएम तुषार आनंद , रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी राहुल कुमार , जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम नाथ तिवारी, लोक अभियोजक आनंद चौबे , मुख्य लीगल एडं काउंसिल अरविंद गोयल व उनकी टीम, पुलिसकर्मी, पीएलभी व अन्य मौजूद थे।
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