दुमका में नगर परिषद की अनदेखी से शहरी क्षेत्र के जलाशय प्रदूषित हो रहे हैं. इसे लेकर स्थानीय लोग चिंतित हैं.
जागता झारखंड दुमका ब्यूरो। उपराजधानी दुमका में लोग कहते जल है तो जहान है लेकिन दुमका के शहरी क्षेत्र में बड़े-बड़े तालाब के रूप में जलाशय हैं वे प्रदूषित हो रहे हैं. लोगों ने उसे कचराखाना बना लिया है. जबकि नगर परिषद जिस पर इनकी साफ-सफाई और बेहतर रख-रखाव की जिम्मेदारी है, वह विभाग अपनी भूमिका नहीं निभा रहा है.तालाब में डाले जा रहे हैं घरेलू कचरा और अन्य दूषित पदार्थदुमका में प्रमुख तौर पर खूंटा बांध जैसे बड़े-बड़े तालाब हैं.इन तालाबों में छठ पूजा जैसे श्रद्धा पर्वक भी मानाया जाता है और इन जलाशयों की वजह से शहरी क्षेत्र का जलस्तर भी दुरुस्त रहता है. हजारों परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी इन्हीं तालाबों पर निर्भर है. पर हाल के दिनों में यह देखा जा रहा है कि इन तालाबों में घरेलू कचरा फेंका जा रहा है. जिससे इसका पानी प्रदूषित हो रहा है. अन्य दूषित पदार्थ बहाया जा रहा है जिससे इसका पानी मनुष्य क्या मवेशियों के भी इस्तेमाल के लायक भी नहीं रहा. इसकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है. विभाग की लापरवाही की वजह से इस तरह की श्रद्धा पूर्वक मानने वाला पवित्र स्थल ही कचरे के अंबार की देर लगी हुई है विभाग इस पर अनदेखी कर रही है।
