जागता झारखंड संवाददाता : सोमवार को आंध्र प्रदेश के बोबली म्युनिसिपल क्षेत्र स्थित बेरी एलाइड लिमिटेड फैक्ट्री में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। धनबाद के कुमार डूबी निवासी मो. दिलदार अंसारी, जो दिहाड़ी मजदूर के रूप में फैक्ट्री में वेल्डिंग का कार्य कर रहे थे, दिन के करीब 12 से 1 बजे के बीच काम करने के दौरान करंट लग गया जिसके बाद नजदीकी अस्पताल ले जाया गया मगर उसकी इलाज के दौरान मौत गई। मृतक का पार्थिव शरीर बोबली सरकारी अस्पताल में है लेकिन समाचार लिखे जाने तक पोस्टमार्टम नहीं किया गया था। सबसे चिंताजनक बात यह है कि फैक्ट्री प्रबंधन घटना के बाद से पूरी तरह से टालमटोल और असंवेदनशील रवैया अपना रहा है। दिन के 1 बजे से अब तक न तो किसी अधिकारी ने उचित जवाब दिया और न ही मृतक के भाई को शव सौंपने की कोई ठोस कार्यवाही की गई है। मृतक का भाई बार-बार अस्पताल अधिकारियों से शव की मांग कर रहा है, लेकिन उसे बार-बार टाल दिया जा रहा है। कंपनी की चुप्पी और लापरवाही ने मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एक मजदूर की जान इतनी सस्ती है कि मौत के बाद भी उसका शव परिवार वालों नसीब न हो? क्या एक फैक्ट्री मालिक सिर्फ मुनाफा कमाने से मतलब रखते है, जहाँ इंसानी जान की कोई कीमत नहीं? बेरी एलाइड लिमिटेड जैसी बड़ी औद्योगिक इकाई द्वारा इस तरह का अमानवीय व्यवहार कानूनी और नैतिक दोनों ही मोर्चों पर अपराध के दायरे में आता है। प्रशासन से माँग की जाती है कि इस घटना की जाँच कर मृतक के परिजनों को न्याय, मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

एक और सवाल – अगर यही हादसा किसी अधिकारी के साथ होता, तब भी क्या यही रवैया अपनाया जाता?

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने जताई चिंता
मृतक के परिवार वालों ने धनबाद के जावेद खान के माध्यम से इस दुःखद घटना की जानकारी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग झारखंड प्रदेश महासचिव फजल इमाम को दी। फजल इमाम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी से बात करने की कोशिश की मगर संतोष जनक जवाब नहीं मिल पाया। इमाम ने कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा दिहाड़ी मजदूर की मौत के बाद भी फैक्ट्री का यह रवैया चिंता जनक है। संबंधित विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारी मामले को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।

