सिद्धू कान्हु के वंशजों और प्रशासन के बीच हुआ खूनी संघर्ष ।
जागता झारखंड ब्यूरो साहिबगंज : बरहेट प्रखण्ड के भोगनाडीह में सोमवार को हूल दिवस के अवसर पर होने वाले राजकीय कार्यक्रम के पूर्व जमकर हंगामा हुआ। बताया जा रहा है कि भोगनाडीह स्थित सिदो कान्हू पार्क का ताला टूटने से आदिवासी समुदाय के लोग भड़क गए। उन्होंने पुलिस जवानों पर तीर-पत्थर से हमला कर दिया। इसमें तीन पुलिस जवान घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। घायल पुलिस जवानों को इलाज के लिए भेजा गया है। घटना के बाद भोगनाडीह में भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। मौके पर डीसी हेमंत सती, एसपी अमित कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए हैं। हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गई। ताला खुलने के बाद लोग पार्क पहुंचे और सिदो कान्हू, चांद भैरव व फूलो झानो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
घटना के क्या है कारण
सिदो कान्हू हूल फाउंडेशन और आतु मांझी बैसी ने हूल दिवस पर भोगनाडीह में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति प्रशासन से मांगी थी। पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। इसको लेकर कई दिनों तक प्रशासन के साथ वार्ता भी हुई। संगठन वहां पंडाल बनवा रही थी। ऐसे में शनिवार की रात करीब 13 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने उठा लिया। इसके बाद विरोध में सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासियों ने सिदो कान्हू पार्क में ताला जड़ दिया और पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन भी किया था। लोगों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें कार्यक्रम की मौखिक इजाजत दे दी। पर मंडल मुर्मू लिखित आदेश मांग रहे थे। सोमवार को कार्यक्रम के लिए पार्क का ताला प्रशासन ने तोड़ दिया ताकि अतिथि वहां माल्यार्पण कर सके। पर ताला टूटने पर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और तीर पत्थर से हमला कर दिया। इसमें कुछ पुलिस कर्मी घायल भी हुए जिन्हें इलाज के लिए बरहेट सीएचसी में भर्ती कराया गया। प्रदर्शनकारियों को तीतर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद वहां भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। लोग बेतरतीब इधर उधर भागने लगे। इसमें वंशज के परिवार के भी कई लोग घायल हो गए।
उपायुक्त ने कहा:
साहिबगंज उपायुक्त हेमंत सती ने कहा कि प्रशासन ने कोई शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया। कभी कभी कुछ लोगों के निजी हित सार्वजनिक हित के ऊपर हो जाते है। आज का कार्यक्रम राजकीय कार्यक्रम था। वेस्टर्ड इंट्रेस्ट के लोगों ने कार्यक्रम को डिस्टर्ब किया है। इसी क्रम में पुलिस को उनको साइड करना पड़ा। आंसू गैस के गोले लोगों को तीतर बितर करने के लिए छोड़े गए। बाकी कोई भी यहां आकर शांतिपूर्ण तरीके से माल्यार्पण कर सकते है। कार्यक्रम में प्राप्त भीड़ है।
सीता सोरेन ने कहा:
सीएम हेमंत सोरेन की भाभी, भाजपा नेत्री और जामा विधायक सीता सोरेन ने इस घटना को लेकर सरकार को खूब खारी खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि मैं यहां पहली बार आई हूं, अच्छा लगा। सिद्धू कान्हु के वंशजों को सम्मान देना चाहिए। उसके वंशज मंगल मुर्मू को आखिर ये कदम क्यों उठाना पड़ा, ये प्रशासन और सरकार को सोचना चाहिए। दो तीन दिन से मैं खबर ले रही थी। यहां बहुत बड़ा नाटक रचा गया। प्रशासन कई संगठन के ऊपर जो रवैया दिखा रही थी वो बहुत गलत है। आस्था के विषय को रोका क्यों जा रहा था। 170 सालों से तो शांतिपूर्ण तरीके से हूल दिवस मनाया जा रहा था, अब प्रशासन ने ये आक्रोश क्यों दिखाया। इसकी हम निंदा करते है। ये सरकार और प्रशासन की गलती है जो मंगल मुर्मू पर बरस रहे है। सम्मान देने के स्थान पर शहीदों के साथ राजनीति कर रही है सरकार, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर यही हाल रहा तो हमें नया रुल लाना होगा।
झड़प के दौरान घायल वंशज परिवार एवं ग्रामीण
- जेठु मुर्मू (42)
- शिव चरण हांसदा (55)
- सुरूज टुडू (50)
- संगीता टुडू (28)
- माही बास्की (35)
- बिटिया हांसदा
- नेहा मुर्मू (08)
- देवराज किस्कू
घायल जवान
- जैप 09 के जवान श्याम सुंदर यादव(38)
- रमेश कुमार पासवान(40)
- संजय कुमार यादव(47)
- छोटे लाल(46)
- मृत्युंजय कुमार(55)


