जागता झारखण्ड

दो बाइक की आपस में भीषण भिड़ंत, एक की मौके पर ही मौत, दूसरे की हालत नाजुक

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यासिर आराफ़ात जागता झारखण्ड ब्यूरो।
पाकुड़ : शुक्रवार रात को करीब 9:00 बजे इसाकपुर मालगोदाम रोड में दो बाइक की आपस में भीषण भिड़ंत हो गई, इस भीषण सड़क हादसे में बुलेट सवार उमर फारूक पिता लूतफुल शेख नामक व्यक्ति जो की चंाचकी का रहने वाला बताया जा रहा है, उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार इलामी पंचायत के सफीउर रहमान पिता मुजीबुर रहमान जोकि पेशे से आमीन था वह अपने साथी वहीदुर रहमान के साथ किसी काम के सिलसिले में दुमका से होकर अपनी निजी ग्लैमर बाइक से अपने निजी गांव इल्ामी लौट रहे थे।इधर चंचकी के उमर फारूक नामक युवक इसाकपुर की तरफ से चंचकी जा रहा था, मूसलाधार बारिश के कारण सड़क की हालत खराब थी, सड़क कीचड़ में तब्दील हो चुकी थी, दोनों बाइक की गति इतनी तेज थी की आपस में भिड़ंत होने के पश्चात दोनों सड़क पर गिर पड़े जिसमें दोनों की बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। चंचकी का युवक मौके पर ही दम तोड़ दिया। इधर इलामी पंचायत के सफीउर रहमान की हालत बेहद नाजुक थी, वह बेहोश हो चुका था सर पर चोट भी आई हुई थी हाथ भी टूट चुका था, आसपास के लोगों ने घर वालों को सूचित किया तो घर वालों ने आनँ फानन में सफीउर रहमान को बंगाल के धुलियान स्थित डीडीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों ने सफीउर रहमान की हालत देखकर रात भर अस्पताल में रखा परंतु हालत बिगड़ते देख युवक को बेहतर इलाज के लिए बहरमपुर रेफर कर दिया, मिली जानकारी के अनुसार खबर लिखे जाने तक सफीउर रहमान की हालत नाजुक ही बनी हुई थी । इधर मृतक उमर फारूक की शव को मुफस्सिल थाना की पुलिस टीम ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल सोना जोड़ी भेज दिया, उमर फारूक पेशे से टायर मिस्त्री था तथा उसकी एक टायर की दुकान भी थी। उमर फारूक की उम्र करीब 24 साल बताया जा रहा है। उसकी मृत्यु से उसके घर में मातम सा छा गया है। जब से उसके परिजनों को उसकी मौत की खबर मिली है उसके घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। उसके शव को एक नजर देखने के लिए क्षेत्र से लोग उसके घर पर आ रहे हैं।

बीडीओ संतोष कुमार चौधरी को भावविहीन विदाई दिया

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जागता झारखंड संवाददाता शिकारीपाड़ा /दुमका

प्रखंड सभागार में शुक्रवार को विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित कर निवर्तमान बीडीओ संतोष कुमार चौधरी को सम्मानपूर्वक विदाई दिया गया। निवर्तमान बीडीओ ने नए बीडीओ एजाज आलम को गुलदस्ता देकर स्वागत कर पदभार ग्रहण कराया। मौके पर प्रखंड कर्मी आदि मौजूद थे।

ग्रामीणों के कठोर विरोध के कारण बीजीआर कंपनी सहित प्रशासन के अधिकारी बैरंग वापस लोटा

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जागता झारखंड संवाददाता शिकारीपाड़ा/दुमका

शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के हरिनसिंघा रेलवे साइडिंग का विरोध अब बढ़ता दिखाई दे रहा है|बताते चलें कि आज शुक्रवार को प्रखंड के हुलसडगाल मौजा में बीजीआर कंपनी के लिए हरिनसिंघा रेलवे साइडिंग हेतु जमीन उपलब्ध कराने के लिए ग्राम सभा करने गए जिला प्रशासन के पदाधिकारियों एवं कंपनी के पदाधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध के कारण बैरंग वापस लौटना पड़ा। ज्ञात हो कि प्रशासन की ओर से ग्राम सभा के लिए सरस डगाल पंचायत भवन में शुक्रवार का दिन निर्धारित किया गया था|जिसमें पागदहा हुलासडगाल तथा डिंबादाहा गांव के ग्राम प्रधानों के साथ वहां की ग्रामीण जनता को भाग लेकर कोयला साइडिंग के लिए जमीन उपलब्ध कराने हेतु सहमति देनी थी,लेकिन जब पदाधिकारी पंचायत भवन पहुंचे तो वहां एक भी ग्राम प्रधान और ग्रामीण नहीं आए|जब इन लोगों को सूचना मिली की ग्रामीण हुलास डगाल में जमा है तो पदाधिकारी गण वहां पहुंचे,लेकिन ग्रामीणों के कठोर विरोध के कारण कंपनी सहित प्रशासन के अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। ग्राम सभा करने के लिए अंचल अधिकारी कपिल देव ठाकुर,पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी वकार हुसैन पुलिस बल के साथ कंपनी के पदाधिकारी सहित पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग 5 वर्षों से लगातार कोयला खनन व परिवहन का विरोध करते आ रहे हैं|हमलोग ना तो कोयला खनन करने देंगे और ना ही कोयला लादने की सहमति देंगे।

सीसिलिया सोरेन की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई

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हाबिल हेम्बरम जागता झारखंड दुमका ब्यूरो

दुमका। दिनांक 5 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार को दुमका के श्रेया बड़ा स्थित संस्कृति कर्मी बबीता मुर्मू के आवास पर स्व सिसिलिया सोरेन की आत्मा की शांति हेतु श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
वरिष्ठ संताली कलाकार बबीता मुर्मू ने बताया कि पिछले 26 सितंबर को सिसिलिया सोरेन अचानक तबियत बिगड़ गई और उनका देहांत हो गया। परिवार के लोगों का कहना है कि युवा कलाकारा सिसिलिया सोरेन कुछ दिनों से गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। उन्होंने कहा कि कला संस्कृति एवं संताली गायन के क्षेत्र में उन्होंने दुमका में अपनी पहचान बनाई थी।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित मृतक की बड़ी बहन कारमेला सोरेन ने कहा कि सिसीलिया सोरेन जिला स्तर व राजकीय स्तर पर कई कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता दे चुकी थी। वर्षों से वह दुमका में कला संस्कृति का एक जाना पहचाना नाम थी । पिछले दिनों हिजला मेला महोत्सव में उसने अपने संथाली कलादल के साथ बहुत ही मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था, जिसे उपस्थित दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया था। बीते श्रावण महोत्सव में भी उसने अपने ग्रुप के साथ बहुत अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। किंतु दुर्भाग्य वश वह गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई और बहुत ही कम उम्र में सिसिलिया सोरेन अचानक इस दुनिया से चली गई। उसका जाना कला संस्कृति के क्षेत्र में घोर क्षति है।
उपस्थित युवा कलाकार सोम टुडू ने कहा कि सिसीलिया सोरेन का जाना बहुत ही दुखद घटना है। सही इलाज के अभाव में दीदी का जाना बहुत दुखद है। अगर उन्हें समय पर उनके कार्यक्रम का भुगतान किया जाता तो वह अपना इलाज अच्छे से करा सकती। संताली आदिवासी कला संस्कृति के क्षेत्र में वह एक प्रमुख नाम थी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को जल्द से जल्द हिजला मेला एवं श्रावण महोत्सव 2023 के उसके बकाया भुगतान को दे देना चाहिए जिससे कि उसका अंतिम कर्म तरीके से हो सके।
मौके पर उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता एवं जिला कला संस्कृति संघ के कोषाध्यक्ष मधुर सिंह ने कहा कि युवा नेत्री के जाने से दुमका कलाकार समुदाय में काफी शोक है। वो एक महान कलाकार थीं जिन्होंने बड़ी परिश्रम से ग्रामीण कलाकारों को एकजुट कर समय समय पर उन्हें मंच प्रदान किया।
श्रद्धांजलि सभा में उनके परिजन एवं पारिवारिक मित्रों के साथ उनकी बेटी अनुप्रिया टुडू, दीपिका पावरिया, एनतातूस सोरेन, डेबिट सोरेन,मगदालिना टुडू, बबीता मुर्मू, मधुर सिंह, उनकी बड़ी बहन कार्मेला सोरेन, ऋतुराज कश्यप, सोम टुडू आदि उपस्थित थे।
अंत में उपस्थित लोगों द्वारा दो मिनट का मौन रखकर पुण्य आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया।

पुत्र की मंगलकामना को लेकर जिउतिया पर्व पर माताओं ने रखा निर्जला उपवास

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सौरभ भगत जागता झारखंड संवाददाता।

अमडा़पाडा़-पुत्र की मंगलकामना को लेकर शुक्रवार को जिउतिया पर्व प्रखंड सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने स्नान ध्यान के बाद व्रत कथा सुनी और अपने पुत्रों के दीघार्यु की कामना की।दरअसल,एक मां अपने पुत्रों के कल्याण के लिए कितना त्याग करती है,इसका उदाहरण है जिउतिया पर्व। वहीं पंडित शंभूनाथ झा ने बताया कि हिन्दू धर्म में इस पर्व को सभी जाति के लोग मानते हैं।श्री झा ने इससे जुड़ी कथाओं के संबंध में बताया कि इसमें कई लोक कथाएं हैं। इसमें एक कथा चील व सियारिन की है। प्राचीन समय में जंगल में एक चील और सियारिन रहा करते थे।और वह दोनों में काफी ज्यादा मित्रता था।दोनों ने कुछ स्त्रियों को इस व्रत करते देखा। उसने प्रण किया कि वे भी इस व्रत को करेंगे।दोनों ने व्रत प्रारंभ किया।वहीं व्रत करते समय भूख के कारण सियारिन की हालत खराब हो गई। और वह भूख बर्दाश्त नहीं कर पाई और चुपके से जाकर भोजन कर ली। और बाद में नतीजा यह निकला की सियारिन के जितने भी बच्चे जन्म लिए वह कुछ ही दिनों में मृत्यु हो गए। जबकि चील के बच्चों को दीर्घ जीवन मिला।इसके अलावा इस व्रत के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है। इस कथा में कहा गया है कि गंधर्वों के राजकुमार का नाम जीमूतवाहन था। और वह एक जंगल में भ्रमण कर रहा था। और वहां उसे एक विलाप करती वृद्धा दिखी। उसके रोने का कारण पूछने पर उसने कहा कि वह नागवंश की स्त्री है। गरुड़ को भोजन देने के लिए उसके पास अपने पुत्र के अलावा और कुछ नहीं है। राजकुमार ने को वचन दिया कि वृद्धा को वचन दिया कि वह उसके पुत्र को बचाएगा। उसके बाद वह स्वयं लाल कपड़े मैं लिपट कर गरुड़ के सामने लेट गया। गरुड़ आए और वह उसे उठाकर पहाड़ पर ले गए। चंगूल में फंसे व्यक्ति की कोई प्रतिक्रिया न देखकर गरुड़ ने उससे उसका परिचय पूछा। वहीं जीमूतवाहन ने गरुड़ को पूरी जानकारी दी। गरुड़ ने जीमूतवाहन की बहादुरी और परोपकार की भावना को देखकर जीवन दान दे दिया और नागों की बलि ना लेनें का वरदान भी दिया।पुत्र को जीवन दान मिलने से इस व्रत को जीवित्पुत्रिका का व्रत के रूप में मनाया जाता है।

जिउतिया पर्व पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया

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जागता झारखण्ड संवाददाता।
पाकुड़िया (पाकुड़) जिउतिया पर्व शुक्रवार को पाकुड़िया सहित मोंगलाबान्ध, फुलझींझरी, बन्नोग्राम, चौकिसाल, परुलिया, रामदेवकुंडी आदि दर्जनों गाँवो में पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने स्नान ध्यान के बाद व्रत कथा सुनी और अपने पुत्रों के दीर्घायु की कामना की।दरअसल, एक मां पुत्रों के कल्याण के लिए कितना त्याग करती है, इसका उदाहरण है जिउतिया पर्व। पंडित अरुण झा ने बताया हिन्दू धर्म में इस पर्व को सभी जाति के लोग मनाते हैं । इससे जुड़ी कथाओं के संबंध में बताया कि इसमें कई लोककथाएं है। इसमें एक कथा चील व सियारिन की है। प्राचीन समय में जंगल में एक चील और सियारिन रहा करती थी। दोनों में मित्रता थी। दोनों ने कुछ स्त्रियों को इस व्रत करते देखा। उसने प्रण किया कि वे भी इस व्रत को करेंगे। दोनों ने व्रत प्रारंभ किया। भूख के कारण सियारिन की हालत खराब हो गयी। वह भूख बर्दाश्त नहीं कर पायी और चुपके से भोजन कर ली। नतीजा यह निकला कि सियारिन के जितने भी बच्चे हुए कुछ ही दिनों में मृत हो गये जबकि चील के बच्चों को दीर्घ जीवन मिला। इसके अलावा इस व्रत के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है। इस कथा में कहा गया है कि गंधर्वो के राजकुमार का नाम जीभूतवाहन था। एक दिन वह जंगल में भ्रमण कर रहा था। उसे एक विलाप करती वृद्धा दिखी। उसके रोने का कारण पूछने पर उसने कहा कि वह नागवंश की स्त्री है। गरुड़ को भोजन देने के लिए उसके पास अपने पुत्र के अलावा और कुछ नहीं है। राजकुमार ने वृद्धा को वचन दिया कि वह उसके पुत्र को बचाएगा। उसके बाद वह स्वयं लाल कपड़े में लिपटाकर गरुड़ के सामने लेट गया। गरुड़ आए और वह उसे उठाकर पहाड़ पर ले गए। चंगुल में फंसे व्यक्ति की कोई प्रतिक्रिया न देखकर गरुड़ ने उससे उसका परिचय पूछा। जीमूतवाहन ने गरुड़ को पूरी जानकारी दी। गरुड़ ने जीमूतवाहन की बहादुरी और परोपकार की भावना को देखकर जीवन दान दे दिया और नागो की बली न लेने का वरदान भी दिया। पुत्र को जीवन दान मिलने से इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत के रुप में मनाया जाता है।

बशर शेख ने गर्भवती महिला क़ो रक्तदान कर बचाईं जान

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जागता झारखण्ड ब्यूरो
पाकुड़ : इंसानियत फाउंडेशन के सदस्यों लगातार असहाय जरूरतमंदो क़ो रक्तदान कर रहे है, ग्रामीण इलाकों के युवाओं क़ो जागरूकता कर उनके फायेदा की जानकारी देकर गरीब परिवार क़ो सहायता कर रहे है | पाकुड़ मे इंसानियत फाउंडेशन के तरफ काफ़ी लोग रक्तदान चुके है और आगे भी करने के लिए तैयार हो रहे है जिनमे पत्रकार मित्रों का अहम योगदान है |गुमानी तेतुलिया के 22 वर्षीय रेबीना बीबी क़ो ओ पॉजिटिव खून की जरूरत पड़ी पाकुड़ नर्सिंगहोम मे एडमिट है इनकी जानकारी परिजनों ने अध्यक्ष बानिज क़ो फोन से दिया | अध्यक्ष ने सदस्य बासार क़ो कॉल किया और तुरंत रक्तदान के लिए राजी हो गया | मौसम काफ़ी खराब होने के बवजूद तीन तीनो दोस्त रक्तदान के लिए टोटो से निकल पड़े |बल्लवपुर के 20 वर्षीय बासार शेख ने ओ पॉजिटिव रक्तदान करने के बाद कहा मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है आगे भी जरूरतमंदो क़ो रक्तदान करता रहुँगा | समय रक्तदान करने बाद इलाज संभव हो पाया | मौके पर अध्यक्ष बानिज शेख, सहजमाल शेख, कर्मचारी नविन कुमार उपस्थित थे |

राज्य की हेमंत सरकार सभी घरों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु संकल्पित है:शाहिद इक़बाल

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जागता झारखण्ड ब्यूरो।
पाकुड़: झारखंड कैबिनेट में चापाकल लगाने का प्रस्ताव गुरुवार को पास हुआ इसके लिए पाकुड़ जिला के सभी पंचायतों को भी चापाकल का लाभ मिलेगा इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री एवं हेमंत सरकार को तहेदिल से धन्यवाद।
झारखंड राज्य के सभी जिलों के साथ-साथ पाकुड़ के लिए शुभ संकेत है। 10 चापाकल सभी पंचायतों में लगना सुरु हो जाय तो पानी का हाहाकार मचना समाप्त हो जायेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सही निर्णय से सुदूर गांव में ग्रामीणों को पानी से निजात मिलेगी यह बाते झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने कही उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रीष्म ऋतु में जल संकट को देखते हुए कैबिनेट के समक्ष राज्य के 4,351 ग्राम पंचायतों में 43,510 चापाकल लगाने का प्रस्ताव रखा गया। युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में चापाकल अधिष्ठापन में लगभग 464 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें क्षेत्र विशेष के अनुरूप गिरते भूगर्भ जल स्तर को देखते हुए 70, 90 और 120 मीटर गहरे चापाकल लगाने का प्रावधान हेमंत सरकार के द्वारा किया गया है।
राज्य की हेमंत सरकार सभी घरों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु संकल्पित है। कोरोना काल के कारण पाइप जलापूर्ति योजनाओं के पूर्ण होने में विलंब को देखते हुए तत्काल राज्य के सभी पंचायतों में हैंड पंप लगाने की मंज़ूरी दी गई है यह बातें सुनकर ग्रामीणों में काफी खुशी है।
राज्य के जिन क्षेत्रों में जल की समस्या है, उन क्षेत्रों में यह चापाकल लगाए जाएंगे तथा उनकी जियो टैगिंग भी की जाएगी।
यह सरकार आपके घरों तक हर सुविधा पहुंचाएगी….ऐसा माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी का संकल्प है।

राहुल गांधी पर टिप्पणी करने वाले बीजेपी खुद नरभक्षी है जो लोकतंत्र की हत्या कर रहा है :मनोवर आलम

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बीजेपी के लुटेरा बलात्कारी भ्रष्टाचारी हत्यारों की जुटान है मोदी माफी मांगे राहुल गांधी से :हिरणपुर प्रखंड अध्यक्ष कांग्रेस

जागता झारखण्ड ब्यूरो।
पाकुड़ : बीजेपी बौखलाहट और राजस्थान मध्यप्रदेश के संभावित हार से पगला गया है हार को बर्दास्त नही कर पा रहा है यही कारण है की बीजेपी और खुद मोदी जी बौखलाहट में बयानबाजी कर रहा है और बीजेपी शुरुवात किया है तो कांग्रेस भी चुप रहने वाला नही है बीजेपी में कितने बड़े बड़े रावण है उसका चश्मा कांग्रेस उतार देगी मोदी जी INDIA गंठबंधन से इतना डर गया है की उन्हें सपना में भी राहुल गांधी जी नजर आने लगे है अगर 9 साल में जनहित देशहित के लिए कोई कार्य किए होते तो आज उन्हें राहुल राहुल नही चिल्लाने पड़ते जब से सत्ता में आया है बीजेपी तब से अपने उद्योगपति मित्रो के लिए काम किया है और चुनाव आते ही हिंदू मुस्लिम जात धर्म की बात बीजेपी वाले करते है क्या कभी बेरोजगारी महंगाई सैनिक सुरक्षा किसान मजदूरों के लिए कोई बात बोला कभी उनके हक के लिए बोला नही न कियुकी कभी भी बीजेपी जनसंघ ने देश के और देश के गरीबों मजदूरों की कल्याण के लिए नही कभी कोई काम नही किया है बीजेपी ईडी सीबीआई आईबी चुनाव आयोग को स्वतंत्र करके मैदान में आए तो दस दिन में बीजेपी के आधा से अधिक नेता का ठिकाना जेल में होगा आज देश के मीडिया तक स्वतंत्र नही है सच दिखाने पर इंकमटेक्स का छापा पड़ने लगता है लोकतंत्र को खाने वाला दानव है बीजेपी बीजेपी में बलात्कारी चोर लुटेरा का एक अलग कुनबा है जो देश को दीमक की तरह खा रहा है INDIA गंठबंधन के बनने से बीजेपी बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रहा है क्युकी उनलोगो को पता है की सत्ता जाने के बाद उनलोग का पता जेल होगा

जिला स्तरीय ग्रामीण एवं स्वदेशी जनजाति खेल का हुआ शुभारंभ

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प्रथम एवं द्वितीय आने वाले खिलाड़ी लेंगे प्रमंडल स्तरीय प्रतियोगिता में भाग

जागता झारखण्ड ब्यूरो।
पाकुड़ : सभी विजेता खिलाड़ियों को जिला कल्याण पदाधिकारी विजन उरांव व जिला खेल पदाधिकारी राहुल कुमार ने प्रमाण पत्र एवं ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया।खेलकूद एवं युवा कार्य निदेशालय झारखंड सरकार तथा जिला खेलकूद विभाग पाकुड़ के द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय ग्रामीण तथा स्वदेशी जनजातीय खेल प्रतियोगिता 2023 का आयोजन जिला स्तरीय स्टेडियम बैंक कॉलोनी पाकुड़ में आयोजित की गई। उक्त प्रतियोगिता में तीरंदाजी, गुलेल, मटका दौड़, गेड़ी दौड़, भारा दौड़,सेकोर का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न प्रखंडों से लगभग 180 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ जिला कोषागार पदाधिकारी सारती टोपनो, प्रशासक, नगर परिषद राजकमल मिश्रा, जिला खेल पदाधिकारी राहुल कुमार, जिला एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष अम्लान कुसुम सिंह, जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अर्धेंदु शेखर गांगुली ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर खेल का शुभारंभ किया।
*इस प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ी निम्न है:-
*तीरंदाजी बालक / पुरुष*
प्रथम- राजेश हंसदा
द्वितीय – सुनील किसकू
तृतीय – रामजतन मुर्मू
तीरंदाजी बालिका/महिला वर्ग
प्रथम – रिया कुमारी
द्वितीय- मीनू सोरेन
तृतीय – सोनाली मुर्मू
मटका दौड़ – बालिका/ महिला
प्रथम – बिटी हेमराम
द्वितीय – नीतू मुर्मू
तृतीय- मंजू मरांडी
गुलेल- बालक/पुरुष
प्रथम- फिलीमान मरांडी
द्वितीय – लुकास टुडु
तृतीय- नवीन हांसदा
गुलेल – बालिका वर्ग
प्रथम- चुरामनी मुर्मू
द्वितीय- संजुता मरांडी
तृतीय- पानसुरी किस्कु
उक्त कार्यक्रम में कुश्ती संघ के सचिव प्रकाश सिंह, कबड्डी संघ के सचिव उमर फारूक, क्रिकेट प्रशिक्षक रणबीर उर्फ रानू उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में, प्रवीण कुमार ,पंकज अग्रवाल, राजेश कॉल, नारायण चंद्र रॉय, मृणाल चौरसिया, राजा मुर्मू, भैरव चुंडा मुर्मू ,अज्जू मंडल, रोहित शाह,फूल कुमारी मड़ैया आदि। मंच का संचालन पाकुड़ जिला ओलंपिक संघ के महासचिव सह जिला एथलेटिक्स संघ सचिव रणवीर सिंह ने किया। अंत में जिला खेल पदाधिकारी ने सभी को धन्यवाद दिया एवं खेल समापन की घोषणा की।