सौरभ भगत जागता झारखंड संवाददाता
अमडा़पाडा़-प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में मानसून का संदेश लेकर सात समुंद्र पार कर साइबेरियन पक्षी कई गांव में अपना डेरा डाल चुके हैं। साइबेरियन पक्षी की चहचहाहट से लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। पक्षी किसी सरहद के मोहताज नहीं होते, उन्हें तो सिर्फ और सिर्फ उड़ान भरनी होती है। यह आजाद पक्षी कहीं भी किसी भी मुल्क में किसी भी स्थान में अपना डेरा बना लेते हैं। विदेशी पक्षियों का सावन माह आते ही दूसरे देशों में आना प्रारंभ हो जाता है। यह पक्षी कहां से आते हैं और कहां चले जाते हैं यह भी किसी को नहीं पता,लेकिन लोगों का मानना है कि मानसून शुरू होने से पंद्रह दिन पहले साइबेरियन पक्षियों का गांव-गांव में आकर पेड़ों में अपना डेरा बना लेते हैं। यह पक्षी हर साल सावन माह के प्रारंभ यानी जून के महीने में आते हैं।और पूरे चार महीने तक रहते हैं।लोगों ने बताया कि यह पक्षी मानसून का संदेश लेकर आते हैं। वहीं साइबेरियन पक्षियों की आगमन से गांव में रोनक आ जाती है।