मनरेगा योजना का पैसा किस प्रकार से लुट होता है आपको देखना हो तो लिट्टीपाड़ा में देखें

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बिना काम किए ही हो जाते है पैसे की निकासी

जागता झारखंड संवाददाता।

पाकुड़ उपायुक्त जहां एक तरफ चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्या को सुलझा रहे है तो ठीक उसके विपरीत लिट्टीपाड़ा प्रखंड में मनरेगा योजना में मनरेगाकर्मी की चांदी हो रही है। मनरेगा के तहत इन पंचायतों बिचामहल, नवाडीह, कर्माटाड़ा, लिट्टीपाड़ा और तालझारी में जमकर लुट मची हुई है, जहां बिचामहल में रामप्रसाद सहा के जमीन पर हो रहे डोभा निर्माण में घाँस छिलकर 3 लाख 28 हजार 2 सौ 48 रुपया की अवैध निकासी कर लिए गए जिसको लेकर प्रमुखता से जागता झारखंड में 11 अप्रैल तथा 21 अप्रैल को प्रकाशित करने के बाद लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की खुली नीद और आनान फानान में 22 अप्रैल को काम को पुन: शुरू किया गया और अब तक बिना काम किए पैसे का निकासी कैसे हो गया इस पर किसी प्रकार का करवाई नही करना इससे साफ स्पष्ट होता है की लिट्टीपाड़ा में सब चोर चोर मोसेरा भाई का रिश्ता निभा रहा है, बात करे नवाडीह पंचायत की तो सिंचाई कूप का हाल ही बेहाल नजर आता है वहीं बागवानी की बात करे तो कागजों में ही हरियाली दिखती है धरातल पर हरियाली नहीं केवल सरपट मैदान दिखती है।

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