जयपुर की लैंड पूलिंग स्कीम से एडीए को मिला ‘रास्ता’

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जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण को देंगे-प्रभात कुमार

ब्यूरो चीफ पवन कटारा

आगरा शहर l आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को जयपुर की लैंड पूलिंग स्कीम से विकास का नया रास्ता मिल गया है। एडीए की टीम ने जयपुर में लैंड पूलिंग स्कीम में विकसित रिंग रोड को देखा। वहां लैंड पूलिंग स्कीम में किए गए काम की जानकारी जुटाई। अब शासन को लैंड पूलिंग स्कीम के बारे में रिपोर्ट भेजी जाएगी। अनुमति मिलती है तो विकास प्राधिकरण आगामी परियोजना के लिए इस स्कीम को अपनाएगा।

एडीए के नगर नियोजक प्रभात कुमार के नेतृत्व में इंजीनियरों की टीम सोमवार को जयपुर गई। उन्होंने लैंड पूलिंग स्कीम में विकसित किए गए 47 किमी लंबे और 90 मीटर चौड़े रिंग रोड को देखा। जयपुर में 90 मीटर चौड़ा रिंग रोड बनाने को 360 मीटर चौड़ा स्ट्रेच विकास प्राधिकरण ने काश्तकारों से लैंड पूलिंग स्कीम में समझौता कर लिया गया था। रिंग रोड के दोनों ओर मिश्रित भू उपयोग का प्रविधान किया गया था। काश्तकारों की दो हजार वर्ग मीटर भूमि लेने पर उन्हें 500 मीटर मिश्रित भू उपयोग वाली भूमि विकसित कर दी गई थी। मिश्रित भू उपयोग की स्थिति में भूमि का उपयोग आवास, व्यवसाय या इंस्टीट्यूट बनाने के लिए किया जा सकता है। वहां काश्तकारों की भूमि का भू उपयोग आवासीय था, जिससे किसी तरह की समस्या नहीं आई थी। जयपुर में प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराने की व्यवस्था अलग है। वहां मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए प्राधिकरण को भूमि हस्तांतरित करनी होती है। आगरा में मानचित्र स्वीकृत कराने की यह व्यवस्था नहीं है। नगर नियोजक प्रभात कुमार जल्द जल्द ही अपनी रिपोर्ट एडीए उपाध्यक्ष को सौंपेंगे। उनके साथ इंजीनियर सतीश राजपूत और राजकपूर जयपुर गए थे।

इस दौरान आगरा विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक प्रभात कुमार ने सवाददाता पवन कटारा को बताया कि जयपुर में रिंग रोड के निर्माण में उपयोग में लाई गई लैंड पूलिंग स्कीम की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। एडीए को शासन से लैंड पूलिंग स्कीम को अंगीकार करने की स्वीकृति मिलती है तो शहर में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। एडीए संसाधनों के अभाव में ग्रेटर आगरा व मेडिसिटी के काम पर आगे नहीं बढ़ पा रहा है l

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