शहीद सिद्धो-कान्हू जयंती पर आजसू जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं ने किया माल्यार्पण

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सिदो-कान्हू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा थे:आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर

यासिर अराफात ब्यूरो जागता झारखंड।

पाकुड़। सिद्धो-कान्हू पार्क में अमर शहीद सिद्धो-कान्हू जयंती पर आदमकद मूर्ति में माल्यार्पण कर नमन किया।आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम के नेतृत्व में आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बारी-बारी से माल्यार्पण किया।आजसू जिला अध्यक्ष आलम ने कहा कि सिदो-कान्हू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा थे, जिन्होंने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। संताल विद्रोह को झारखंड कैसे भूल सकता है। सुदूर भोगनाडीह की पहाड़ियों पर आदिवासियों के इस विद्रोह से अंग्रेजी सत्ता की चूल हिल गयी थी। अंग्रेज, महाजनों एवं शोषण के खिलाफ आन्दोलन वीर शहीदों के बलिदान की कर्मभूमि है भोगनाडीह। सिदो कान्हू की जयंती उनके शहादत की यादों को ताजा कर देती है। आदिवासी समाज के लोगों के लिए शोषण व अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए सिदो कान्हू ने संथाल हूल का शंखनाद किया था। आदिवासी समाज के लोग सिदो कान्हू को किसी भगवान से कम नहीं मानते।
जिलाध्यक्ष आलमगीर आलम ने कहा सिदो कान्हू ने देश की संस्कृति व सम्मान की रक्षा कर संथाल परगना को गौरवान्वित करने का काम किया। आदिवासी तथा गैर आदिवासीयों को अंग्रेज व महाजनों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। ब्रिटिश हुकूमत की जंजीरों को तार तार करने वाले इन वीर सपूतों के शहादत की याद में जयंती समारोह प्रत्येक साल 11 अप्रैल को मनाया जाता है।
आज भी वर्षो पुराना बरगद का पेड़ पंचकठिया में एतिहासिक हूल क्रांति का गवाह के रूप में मौजूद है। मौके पर…. जिला मीडिया प्रभारी- अहमादुललाह, जिला उपाध्यक्ष- मुकलेशूर रहमान, इलामी पंचायत सचिव- मोहाईमेन, इसकपूर पंचायत अध्यक्ष- सफिकुल शेख, मोहिदुल, मौइमुर,मजिबुर समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद था|

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