परिजनों ने मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषियों पर कार्रवाई की उठाई मांग ।
मुजफ्फर हुसैन, जागता झारखण्ड, ब्यूरो राँची : ओरमांझी थाना क्षेत्र के शंकर चौक निवासी उमेश कुशवाहा उर्फ उमेश महतो की सोमवार सुबह करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। मृतक पेशे से बिजली मिस्त्री थे और आनंदी पुरनाटोली गांव में 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन पर पोल चढ़कर मरम्मत का कार्य कर रहे थे।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काम शुरू करने से पहले लाइन बंद करवाई गई थी। लेकिन मरम्मत के दौरान अचानक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, जिससे उमेश कुशवाहा तेज करंट की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए और बिजली विभाग की घोर लापरवाही पर आक्रोश जताया। आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को पोल से नीचे उतारने से इंकार कर दिया और बिजली विभाग व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना पाकर राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू, पूर्व खिजरी विधायक रामकुमार पाहन, जयगोविन्द साहू (लालू साहू ), रणधीर चौधरी, जेएलकेएम केंद्रीय संगठन सचिव सरवन कुमार महतो, जेएलकेएम केंद्रीय उपाध्यक्ष जलेश्वर महतो उर्फ मार्शल, जेएलकेएम ओरमांझी प्रखंड अध्यक्ष रामसेवक महतो, जेएलकेएम अनगड़ा प्रखंड अध्यक्ष सुधांशु महतो, बीडीओ कामेश्वर बेदिया, थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। जनप्रतिनिधियों ने परिजनों और आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास किया।
राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक में कहा यह केवल एक लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई अमानवीय हत्या प्रतीत होती है। यह हादसा एक मेहनतकश इंसान की जान लेकर गया। यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि विभागीय लापरवाही अब मानव जीवन के लिए खतरा बन चुकी है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति दें। बिजली विभाग के सचिव अविनाश कुमार जी से मोबाइल पर वार्ता हुई। कार्यपालक अभियंता मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से संवाद कर परिजनों को 5 लाख का मुआवजा, 25,000 अंतिम संस्कार हेतु, परिवार को आजीवन पेंशन एवं एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया।
इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई और उमेश कुशवाह इस लापरवाही का शिकार न हो। ग्रामीणों ने मांग रखी कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा, आश्रित को सरकारी नौकरी, आजीवन पेंशन और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना था कि यह हादसा बिजली विभाग की गंभीर लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा है, जिसकी कीमत एक मेहनतकश परिवार को अपनी कमाई करने वाले सदस्य की जान देकर चुकानी पड़ी। काफी देर तक चले हंगामे के बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा परिजनों को लिखित आश्वासन दिए जाने पर ग्रामीण शांत हुए और शव को पोल से नीचे उतारा गया।
जेएलकेएम केंद्रीय संगठन सचिव सरवन कुमार महतो ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह बहुत बड़ी घटना घटी है। ओरमांझी निवासी उमेश महतो हमेशा ईमानदारी से सेवा देते थे। ऐसा मेहनती इंसान को झुलसते हुए देखना बेहद दुखद और पीड़ादायक है। वे हमेशा हमारे साथ खड़े रहते थे, लेकिन आज हमारे बीच नहीं हैं। वे पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से बिजली विभाग में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करते थे, इसके बावजूद केवल कॉन्ट्रैक्ट आधार पर ही काम करना पड़ा। सरकार से मांग है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।जेएलकेएम केंद्रीय उपाध्यक्ष जलेश्वर महतो उर्फ मार्शल ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि भगवान मृतक की आत्मा को शांति प्रदान करें। आये दिन इस तरह की घटनाएँ देखने को मिलती हैं। हम सभी का प्रयास रहता है कि ऐसी दुःखद घटनाओं में पीड़ित परिवार तक पहुँचकर हरसंभव सहयोग किया जाए। उन्होंने बिजली विभाग से हर लाइनमैन को सुरक्षा किट (सेफ्टी किट) उपलब्ध कराने की माँग की। उनका कहना था कि यदि लाइनमैन को सेफ्टी किट दी जाए तो इस तरह की दर्दनाक दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया।पोस्टमार्टम के उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार डोमा नदी के तट पर किया गया।
