5454 करोड़ के स्मार्ट मीटर टेंडर निरस्त होने की पूरी कहानी, जिसकी रेस में सबसे आगे था अडानी ग्रुप

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उत्तर प्रदेश के मध्यांचल पॉवर कॉर्पोरेशन ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है. बताया जा रहा है कि टेंडर के अंतिम
स्टेज तक अडानी ग्रुप की कंपनी पहुंची थी लेकिन मीटर के रेट बात नहीं बन पाई, जिसके बाद पूरे टेंडर को ही निरस्त कर दिया गया है.
आइए जानते हैं कि टेंडर निरस्त होने की पूरी कहानी क्या है?

उत्तर प्रदेश के मध्यांचल पॉवर कॉर्पोरेशन ने स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है. इस टेंडर में अडानी ग्रुप, जीएमआर, एलएंटी
समेत कई कंपनियों ने हिस्सा लिया था. बताया जा रहा है कि टेंडर के अंतिम स्टेज तक अडानी ग्रुप की कंपनी पहुंची थी, लेकिन मीटर के रेट
को लेकर बात नहीं बनी, जिसके बाद पूरे टेंडर को ही निरस्त कर दिया गया है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर का टेंडर हुआ था, जिसकी अनुमानित लागत 25000 करोड़ रुपये बताई जा रही है. उत्तर
प्रदेश के चार क्लस्टर- मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल और पूर्वांचल ने अपने-अपने क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अलग-अलग टेंडर
निकाला था. इस टेंडर को लेने के लिए दो प्रक्रिया को पूरा करना था.

स्मार्ट मीटर टेंडर को पाने के लिए सबसे पहले कंपनी को 12८11110८3। 810 पास करना होता है. सभी क्लस्टर के 12८011८३| 810 में

अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ट्रांसमिशन, जेएमआर, एलएनटी और इंटेल स्मार्ट क्वालिफाई हुई. इसके बाद कंपनियों ने 711८९ 810 डाली
यानि कौन सी कंपनी कितने रूपये में स्मार्ट मीटर लगाएगी.

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