आरटीआई से बड़ा खुलासा, स्वास्थ्य विभाग की लाचारी आई सामने, कर्मचारी दूसरे विभाग में वर्षो से कार्यरत

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प्रीतम सिंह यादव जागता झारखंड संवाददाता।

पाकुड़। एक बड़ा खुलासा!! स्वास्थ्य विभाग की लाचारी आई सामने, ज्ञात हो स्वास्थ्य विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग होने के साथ-साथ देश के हर तबके के लोगों का ध्यान विभाग पर टिका रहता है! वहीं पाकुड़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार कहा गया है कि जिले में कर्मचारियों की कमी के कारण स्वास्थ्य विभाग सरकारी योजनाओं एवं जनमानस की सेवा सही रूप से नहीं कर पाती है! इसको लेकर सूचना अधिकार के तहत कर्मचारियों की कमी का कारण जानने हेतु विभाग को दिया गया था जिस पर रिपोर्ट के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग के कुल 6 ऐसे कर्मी है जो सूत्रों के अनुसार सेटिंग एवं पैरवी पर मनचाहा अन्य विभाग एवं स्थान पर वर्षो से विराजमान है! और तो और जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार इन कर्मियों को वापस अपने स्थान पर लाने हेतु प्रयास किया गया लेकिन उच्च अधिकारियों के कारण विभाग असफल रहा! रिपोर्ट के अनुसार कुल 6 कर्मियों में चालक के पद पर कार्यरथ सुनील कुमार लाल जो अभी उपायुक्त के गोपनीय शाखा में सन 2008 से प्रतिनियुक्त है, वोही चतुर्थ वर्गीय कर्मी कुल 4 जिसमे अजय कुमार सिंह जो सेवक सह झारूदार थे DLO ऑफिस में सन 2019 से पदस्थापित है, संजय कुमार साह, आदेशपाल बीएलओ ऑफिस में सन् 2015 से पदस्थापित है, दीपाली साह, जो महिला कक्ष सेविका टीबी वार्ड सदर अस्पताल में थी सन 2019 से जिला जनसंपर्क कार्यालय में पदस्थापित है, अशोक कुमार साह, पुरुष कक्ष सेवक सदर अस्पताल सन 2015 से उपायुक्त के आवासीय कार्यालय में प्रतिनयुक्त है और प्रदीप कुमार सेन को लिपिक थे, लोक स्वास्थ्य संस्थान, नामकुम रांची में सन 2020 से प्रतिनियुक्त है। अब सवाल यह है कि यह सभी लोग अपने विभाग को छोड़कर दूसरे विभाग में वर्षो से किनके छत्रछाया से प्रतिनियुक्त है जबकि प्रतिनियुक्ति का अर्थ आपातकालीन स्थिति में मात्र 6 माह के लिए ही कोई भी उच्च अधिकारी या विभाग के अधिकारी दूसरे विभाग से कर्मी को अपने विभाग में कार्य करवा सकते हैं। सवाल यह है कि आखिर इनके ऊपर किनकी दया दृष्टि है, किसी जनप्रतिनिधि का या किसी उच्च अधिकारी का। जरूरत है सरकार को एवं स्वास्थ्य विभाग को अविलंब पहल करने की ताकि कर्मियों की कमी के कारण विभाग के कार्य में बाधा उत्पन्न ना हो। इस विषय को लेकर आवेदनकर्ता अग्रसर कार्यवाही हेतु प्रमंडलीय आयुक्त एवं राज्य के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र प्रेषित किया जा रहा है।

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