जागता झारखंड संवाददाता रानीश्वर दुमका। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद रानीश्वर का समान का इस्तेमाल करते हैं अपने आवास में ।स्वास्थ केंद के कर्मचारी को रहना है प्रखंड दफ्तर में , लेकिन चले जाते है पश्चिम बंगाल। उप राजधानी दुमका के अन्तर्गत रानीश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रानीश्वर प्रखंड़ों में इन दिनों गहराने लगा 2024 – 2025 का मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख रखाव योजना से मिलने वाला पैसा को घोटाला का मामला प्रकाश में आया । सूत्रों से मिली जानकारी से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 37 लाख रुपए मिला है रानीश्वर के स्वास्थ्य विभाग के भवनों को दुरुस्त करने के लिए। इसमें दो तरह खर्च करने का विभागीय निर्देश था जिसमें जिनोद्वार और उपस्कर । सूत्रों से का कहना है कि रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र में कुल 25 एचएसी/आयुष्मान आरोग्य मंदिर,केंद है और , हर एचएससी /आयुष्मान आरोग्य मंदिर,केंद्र के नाम से 60 हजार रुपए कर के मिला है। अब सवाल उठा रहा कि खर्च किया गया है, या विभागीय पैसा का दुरूपयोग किया गया है। जब इस बारे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नादिया नंद मंडल को पूछने पर उन्होंने बताया कि पैसा मिला था और हर एचएससी की सुधार किया गया है। जिनोद्वार का मुख्य खर्चा एक्सश्रे xray रूम मरम्मत बाथरूम मरम्मत , कुछ टेबल चेयर और डिलीवर समान खरीदा गया , और मानिकडीह में बोरिंग भी कराया गया है लेकिन य। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि सरकारी समान का उपयोग इन दिनों स्वास्थ विभाग के अधिकारी और कर्मी कर रहे है। इसका उच्च स्तरीय जांच का मामला । यह भी बताते चलें कि बाध्यकरण ऑपरेशन के नाम भी अवैध रूप से गरीबों से पैसा की वसूली किया जाता हैं , जो जांच का विषय बना हुआ है। कई ऐसे समान जो सरकारी पैसा से खरीदा हुआ है लेकिन अधिकारी और कर्मी उपयोग कर रहे है। एचएससी आमजोड़ा बांसकुली और आसनवनी में भी डॉक्टर की कमी है ,और कई जगह एएनएम और जीएनएम की मनमानी के कारण आम जनता परेशान । यह भी बताते चलें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी द्धारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्य करने के नाम पर खर्च किया गया, यहां कई आयुष्मान आरोग्य मंदिर जर्जर स्थिति हैं, कई केंद्रों में कई सामग्री की कमी हैं।
